महाराष्ट्र की सियासत में चर्चित 50 खोके अब देश की राजनीति में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में यह टिप्पणी की गई है। जिसमे कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि ‘महाराष्ट्र के खोके का फॉर्मूले इस्तेमाल कर आप के विधायकों की खरीद शुरू हो गई है। बिहार में भी आरजेडी और जेडीयू के नेता भी खुलेआम कह रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में जो खोकवाली राजनीति हुई, वो बिहार में फेल हो गई है।
शिवसेना ने कहा कि गद्दारी का दूसरा नाम अब खोके वाला पड़ गया है। सामना में कहा गया कि महाराष्ट्र को यह कलंक लग गया है। विश्व के पीछे ‘बोको हराम’ नामक बदनाम संगठन है। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र में ‘खोके हराम’ नाम का एक संगठन उभरा है। जिसमें बोके भी हैं और खोके भी हैं। शिवसेना ने कहा कि ‘खोके हराम’ लंबे समय तक नहीं रहेगा यह पक्का है।
सामना में कहा गया कि महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र का गुरूवार को आखिरी दिन था। इस साल राज्य में मुसलधार बारिश हुई है। लेकिन सरकार विपक्ष की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वह सूखा घोषित करने के लिए तैयार नहीं है। खोके छाप शिंदे गुट का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।
गौर हो कि इससे पहले शिवसेना ने ऑपरेशन लोटस की तुलना आतंकी संगठन अलकायदा से की थी। साथ ही भाजपा को आतंकवाद से जोड़ा था। शिवसेना ने इन आरोपों के लिए हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों का सहारा लिया था। सामना में शिवसेना ने कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को गिराने के लिए जो ऑपरेशन लोटस चलाया गया था वह फेल हो गया है।