बताया जा रहा है कि पुणे में ज़िला कलेक्टर कार्यालय के बाहर शुक्रवार को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे सुने गए थे। पीएफआई के कार्यकर्ता वहां प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई (CBI) और पुलिस की छापेमारी के ख़िलाफ़ इकट्ठे हुए थे। तब कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिन्हें आज सुबह गिरफ़्तार कर लिया गया।
पुणे पुलिस ने पीएफआई के विरोध के दौरान लगाए गए नारे का संज्ञान लिया है और मामले की जांच कर रही है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुणे के जोन-2 डीसीपी सागर पाटिल ने बताया कि पीएफआई के प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगने के कुछ वीडियो पुलिस के पास आए हैं, हम उसकी पूरी जांच करेंगे। सत्यापन करेंगे और फिर कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा “हमने अवैध रूप से प्रदर्शन करने के लिए पीएफआई सदस्यों के खिलाफ पहले से ही मामला दर्ज कर लिया है और हम नारेबाजी के मामले की जांच कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में इस तरह के नारे बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे। उन्होंने कहा “यह छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है और किसी को भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का अधिकार नहीं है। यह देशभक्तों का राज्य है। हमारी सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।” जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस नारेबाजी में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिख रहा है कि यह विवादित नारा उस समय कई बार लगाया गया जब हिरासत में लिए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं को पुलिस अपनी वैन में ले जा रही थी।