Maharashtra News: एक और प्रोजेक्ट गया? डिप्टी सीएम ने कहा- पिछली सरकार नाकामियों का ठीकरा हम पर ना फोड़े
महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। विपक्ष द्वारा एक और प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से गुजरात चले जाने का शिंदे-फडणवीस सरकार पर सवाल उठाया जा रहा है। इसपर नागपुर में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि महाविकास आघाड़ी के काल की नाकामी शिंदे सरकार के सर ना फोड़ी जाए।
महाराष्ट्र में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। इस बीच शनिवार को एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि महाराष्ट्र के विकास के लिए खास अहमियत रखने वाले वाले वेदांत फॉक्सकॉन, बल्क ड्रग्स पार्क, टाटा एयरबस जैसे तीन बड़े प्रोजेक्ट शिंदे-फडणवीस सरकार की नजरों के सामने से दूसरे राज्य (गुजरात) में चले जाने के बाद उर्जा उपकरणों का निर्माण करने वाले जोन से जुड़ा प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र से बाहर यानी मध्य प्रदेश चला गया है।
सुप्रिया सुले ने अपने ट्वीट में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा वह आर्टिकल भी अटैच किया है, जिसके आधार पर उन्होंने यह दावा किया है। सुप्रिया सुले के इस ट्वीट के बाद राज्य के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका जवाब दिया है।
नागपुर में देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट राज्य से बाहर जाने पर हमारे नाम पर उसका ठीकरा फोड़ देना और सीएम शिंदे के साथ मेरी फोटो छाप देने का प्रयास बंद होना चाहिए। जो उद्योग और प्रोजेक्ट्स राज्य से बाहर गए वे महाविकास आघाड़ी (MVA) सरकार की वजह से गए हैं। देवेंद्र फडणवीस शनिवार को नागपुर आए थे। यहां वे मीडिया से बात कर रहे थे।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि उर्जा उपकरण निर्माण से जुड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से गया, ऐसी गलत खबर शेयर ना करें। इसकी सारी टाइमलाइन महाविकास आघाड़ी सरकार के समय की है। इस तरह के तीन पार्ट को केंद्र सरकार ने तैयार करने का विचार किया है। उनमें से एक पार्ट के प्रोजेक्ट को दिया गया है। दो पार्ट का एलान होना अभी बाकी है। ये जल्दी ही महाराष्ट्र को मिलेंगे।
जब इस तरह के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार तैयार करती है तब सभी राज्यों से टेंडर मंगवाए जाते हैं। उनमें से किस राज्य को संबंधित प्रोजेक्ट जाना है, इसपर फैसला लिया जाता है। हर बार प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से जाने की चीख-पुकार गलत है। इससे महाराष्ट्र की बदनामी होती है। महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट लाने के लिए जो अधिकारी दिन-रात प्रयास में लगे रहते हैं, उनका भी उत्साह ठंडा होता है।
फडणवीस ने आगे कहा कि पूरी जानकारी हासिल किए बिना एमवीए सरकार की नाकामी हमारे सर ना डालें। पुरानी सरकार के समय के गए प्रोजेक्ट को हमारी सरकार के वक्त गया हुआ दिखाना बंद होना चाहिए। बता दें कि शनिवार को सीएम एकनाथ शिंदे से भी यही सवाल पूछ गया। इसका जवाब देते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि तीन महीने में प्रोजेक्ट आए और चले गए। ऐसे कहीं झटके में प्रोजेक्ट आकर चले जाते हैं क्या? जादू की छड़ी है क्या? प्रोजेक्ट लाने में काफी समय लगता है। तीन महीने पुरानी हमारी सरकार के लिए नहीं, यह सवाल एमवीए सरकार के लिए है।
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