एचएमपीवी के संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने राज्यभर के उप-निदेशकों, सिविल सर्जनों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है जिमसें गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) के मामलों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है।
भारत में एचएमपीवी के दो मामले सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार अलर्ट मोड पर है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर गुरुवार को एक अहम बैठक करेंगे। इस बैठक में एचएमपीवी वायरस और इसकी गंभीरता पर चर्चा होगी।
महाराष्ट्र में अभी तक एचएमपीवी का कोई मरीज नहीं मिला है। प्रकाश आबिटकर ने कहा, भारत में मिले एचएमपीवी मरीजों को लेकर सरकार गंभीर है। नागरिकों को घबराने की कोई जरुरत नहीं है और राज्य का स्वास्थ्य तंत्र सतर्क है। अगले दो दिनों में मुंबई में स्वास्थ्य विभाग की बैठक होगी। बैठक के बाद इस बीमारी को लेकर दिशा-निर्देशों जारी किये जाएंगे। लोगों को किसी भी अफवाह पर विश्वास नहीं करनी चाहिए। उन्होंने नागरिकों से राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
कोरोना जैसे है लक्षण
एचएमपीवी संक्रमण और कोरोना वायरस के लक्षण मिलते-जुलते हैं। इसमें संक्रमित व्यक्ति को खांसी, बुखार और सर्दी होता है। एचएमपीवी मेटान्यूमोवायरस जीन का एक आरएनए वायरस है। इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है। इसके बचाव के लिए लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, मास्क पहनने और अपने हाथों को साफ करने की सलाह दी जा रही है। एचएमपीवी संक्रमण को ठीक करने के लिए फ़िलहाल कोई वैक्सीन नहीं बनी है।
HMPV वायरस से बचने के लिए क्या करें?
खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल या टिशू पेपर से ढक लें अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी या फिर अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से साफ करें बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें खूब पानी पियें और पौष्टिक भोजन करें
ये न करें-
हाथ मिलाना टिशू पेपर और रुमाल का फिर से इस्तेमाल न करें बीमार व्यक्ति के करीब जाने से बचें आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं