कैबिनेट के फैसले के बाद 1 अप्रैल से महाराष्ट्र में 22 राज्य-संचालित हाईवे पर मोटर चालकों को टोल भुगतान के लिए फास्टैग का उपयोग करना आवश्यक होगा। अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और टोल बूथों पर भीड़ कम करना, राज्य के सड़क नेटवर्क की क्षमता बढ़ाना है। नई नीति लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रबंधित राजमार्गों और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा देखरेख किए जाने वाले राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर लागू होगी।
फास्टैग नहीं लगाया तो क्या होगा?
परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, NHAI द्वारा प्रबंधित नेशनल हाईवे के लिए फास्टैग नीति 2021 से ही लागू है। यह अब राज्य राजमार्गों और निजी ठेकेदारों द्वारा संचालित उनके टोल प्लाजा के लिए भी अनिवार्य होगी। राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग के लिए जो नियम है वही राज्य राजमार्गों पर भी लागू होंगे। बिना फास्टैग वाले वाहनों को कैश जैसे अन्य तरीकों से टोल देने पर दोगुना टोल भरना होगा।
जानकारी के मुताबिक, सरकार नए निर्देश के तहत बुनियादी ढांचे के विकास और टोल संग्रह को सुव्यवस्थित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी नीति 2014 में संशोधन करने की भी योजना बना रही है।