Torres Jewellery Scam : टोरेस ज्वैलर्स (Torres Jwellers investment fraud) ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। टोरेस कंपनी चलाने वाले ही निवेशकों के करोड़ों रुपये हजम कर फरार हो गये हैं। मुंबई की शिवाजी पार्क पुलिस ने निवेशकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में टोरेस ज्वैलर्स के निदेशकों और सीईओ के खिलाफ केस दर्ज किया है। धोखाधड़ी का खुलासा होते ही निवेशकों की भीड़ कंपनी के दादर, मीरा-भाईंदर समेत शहर के अन्य स्थानों पर स्थित टोरेस कार्यालय के बाहर जुट गई। इस दौरान निवेशकों ने अपने पैसे लौटाने की मांग की।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 2023 में पंजीकृत कंपनी प्लेटिनम हेरेन प्राइवेट लिमिटेड ने 2024 में ‘टोरेस’ ब्रांड के तहत दादर में 30 हजार वर्ग फुट का आउटलेट खोला। इसके बाद कंपनी ने मुंबई और ठाणे के कई जगहों पर आउटलेट खोले।
बताया जा रहा है कि कंपनी ने निवेशकों से सोना, चांदी और मोइसानाइट स्टोन (Moissanite Stones) यानी लैब में बने हीरे की खरीद पर समान राशि पर क्रमशः 48, 96 और 520 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न देने का वादा किया था। खास बात यह है कि सालाना रिटर्न से मिलने वाली रकम का भुगतान हर हफ्ते निवेशकों को किया जाता था। लेकिन पिछले दो सप्ताह से रिटर्न मिलना बंद होने से निवेशक अब बेचैन हैं। कंपनी निवेशकों को हर साप्ताह 8 से 11 प्रतिशत तक का रिटर्न देती थी। बताया जा रहा है की कंपनी रविवार को निवेश करने पर सोमवार से शुक्रवार के बीच रिटर्न का भुगतान करती थी।
बताया जा रहा है कि इस स्कीम में लोगों ने 5-10 हजार रुपये से लेकर करोड़ रुपये तक का निवेश किया है। कंपनी चलाने वाले आरोपी नवी मुंबई, भयंदर और दादर की सभी शाखाएं बंद कर फरार हो गए है।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, प्लेटिनम हेरेन प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत कार्यालय गिरगांव में ओपेरा हाउस बिल्डिंग में है। कंपनी के तीन निदेशक- इमरान जावेद, सर्वेश सुर्वे और ओलेना स्टाइन हैं। तीनों निदेशकों ने अपने आवासीय पते में कंपनी का पता दिया है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी का मालिक दुबई फरार हो गया है।
कंपनी ने जारी किया बयान
टॉरेस ज्वैलरी ने बयान जारी कर कहा कि सीईओ तौसीफ रेयाज़ (Tausif Reyaz) और मुख्य विश्लेषक (सीए) अभिषेक गुप्ता ने पूरे मुंबई में उसके स्टोरों को लूटा है और तोड़फोड़ की। टोरेस ने सबूत के तौर पर उनके वीडियो भी साझा किए है। साथ ही दावा किया कि दोनों ने योजना बनाकर यह उथल-पुथल की और कंपनी के पैसे लेकर फरार हो गए। इसमें उन्होंने कंपनी के अन्य कर्मचारियों को भी शामिल किया। पुलिस को सारे सबूत दिए गए है।