महाविकास आघाडी में एक दूसरे की सहयोगी कांग्रेस और उद्धव गुट में सीट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ने की खबर है। इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की, जबकि उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने अमित शाह से बातचीत की है। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल आने की अटकलें लगने लगी। महाविकास अघाडी के टूटने की चर्चा सियासी गलियारें में शुरू हो गई। यह खबर जंगल की आग की तरह फैलता देख संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सारा मामला मीडिया के सामने रखा।
राज्यसभा सदस्य और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख रणनीतिकार राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 210 सीट पर आम सहमति पर पहुंचे हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य एक संयुक्त ताकत के रूप में चुनाव लड़ना है और हम महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों को हराएंगे।’’
संजय राउत की यह टिप्पणी उन ख़बरों के बीच आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी विपक्षी गठबंधन से अलग होकर अपने दम पर राज्य की सभी 288 सीट पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि राउत ने इसका खंडन किया है और इसे अफवाह बताया है।
अमित शाह से फोन पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘‘बीजेपी गलत सूचना फैला रही है। हम जानते हैं कि यह कौन कर रहा है। पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का डर है और इसीलिए वह गलत सूचना फैलाने का काम कर रही है।’’
राज्यसभा सांसद राउत ने शिवसेना (यूबीटी) और बीजेपी के फिर से गठबंधन होने को असंभव बताया है. उन्होंने कहा, “कहा जा रहा है कि संजय राउत ने अमित शाह से मुलाकात की, ये हास्यास्पद बात है। अगर कांग्रेस नेता भी इस तरह के दावे कर रहे हैं तो यह चौकाने वाली बात है। शिवसेना ने न केवल संघर्ष किया, हमारे नेताओं को जेल में डाला गया। हमारी पार्टी तोड़ी गई, हमारी सरकार गिराई गई. हमारा चिन्ह चुरा लिया। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्होंने इस महाराष्ट्र को गद्दारों के हाथों में सौंप दिया। हम इस दर्द को लेकर संघर्ष कर रहे है।”
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा, हम बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, जो संविधान को कमजोर करना चाहती है और महाराष्ट्र के गौरव का निरादर करती है.. बीजेपी से हाथ मिलाने का मतलब है औरंगजेब और अफजल खान से हाथ मिलाना।