छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति दुर्घटना मामले में अब महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के नेता मैदान में आ गए है। इस घटना के बाद बुधवार को महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने राजकोट किले का दौरा किया। आज राजकोट किले पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार, एनसीपी (शरद पवार) के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल, शिवसेना के पूर्व सांसद विनायक राउत पहुंचे। इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी सांसद नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे अपने समर्थकों के साथ राजकोट किले में घुस गए। उसके बाद किले पर दो घंटे तक बड़ा बवाल हो गया।
राजकोट किले पर क्या हुआ था?
राजकोट किले पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। नीलेश राणे के बाद नारायण राणे भी अपने समर्थकों के साथ किले पर आ गए। जब नारायण राणे बेटे के साथ राजकोट किले का निरीक्षण कर रहे थे तब आदित्य ठाकरे भी अन्य नेताओं के साथ किले पर पहुंचे। इस दौरान दोनों खेमों के कार्यकर्ताओं में विवाद हो गया। देखते ही देखते बीजेपी और एमवीए के कार्यकर्ता आक्रामक हो गए। इसी दौरान पुलिस ने आक्रामक कार्यकर्ताओं को रोका। साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए और पुलिस बल को बुलाया गया। इस दौरान दोनों तरफ से कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी जारी रखी।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि मैंने अपने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट आदेश दिया था कि किले पर कोई भी अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए। बीजेपी ने बच्चे जैसी हरकत की। वहीँ, नारायण राणे ने आदित्य ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं को पिछले दरवाजे से किले से बाहर जाने को कहा। इस पर आदित्य ठाकरे ने विरोध करते हुए कहा कि वह मुख्य द्वार से ही बाहर जायेंगे। इसके बाद जयंत पाटिल ने नारायण राणे से बातचीत कर मध्यस्थता करने की कोशिश की।
इसके बाद नारायण राणे ने अपने समर्थकों को मुख्य द्वार से जाने देने के लिए 10 फीट जगह खाली करने को कहा। फिर पुलिस अधिकारी ने आदित्य ठाकरे से बात की और उन्हें 10 फीट खाली की गई जगह से किले से बाहर चलने के लिए मनाया। करीब 2 घंटे बाद आदित्य ठाकरे और एमवीए के बाकि नेता राजकोट किले से बाहर निकले। इस मौके पर राणे और एमवीए के समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की।