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मुंबई

ठाकरे बनाम राणे… शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद राजकोट किले पर बवाल, जानें पूरा मामला

Shivaji Maharaj statue collapse : राजकोट किले पर आज आदित्य ठाकरे, अंबादास दानवे, विजय वडेट्टीवार, जयंत पाटिल, विनायक राउत पहुंचे थे, तभी पूरा विवाद हुआ।

मुंबईAug 28, 2024 / 06:08 pm

Dinesh Dubey

Aaditya Thackeray Vs Narayan Rane
Thackeray vs Rane : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में राजकोट किले (Rajkot Fort) पर स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार (26 अगस्त) को अचानक ढह गई। इसको लेकर महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई हो गया है। राज्य सरकार ने कहा कि तेज हवा के चलते नौसेना द्वारा बनायीं गई शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरी, लेकिन विपक्ष का कहना है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। पिछले साल 4 दिसंबर में नौसेना दिवस पर पीएम मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था।
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छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति दुर्घटना मामले में अब महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के नेता मैदान में आ गए है। इस घटना के बाद बुधवार को महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने राजकोट किले का दौरा किया। आज राजकोट किले पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार, एनसीपी (शरद पवार) के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल, शिवसेना के पूर्व सांसद विनायक राउत पहुंचे। इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी सांसद नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे अपने समर्थकों के साथ राजकोट किले में घुस गए। उसके बाद किले पर दो घंटे तक बड़ा बवाल हो गया।

राजकोट किले पर क्या हुआ था?

राजकोट किले पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। नीलेश राणे के बाद नारायण राणे भी अपने समर्थकों के साथ किले पर आ गए। जब नारायण राणे बेटे के साथ राजकोट किले का निरीक्षण कर रहे थे तब आदित्य ठाकरे भी अन्य नेताओं के साथ किले पर पहुंचे।
इस दौरान दोनों खेमों के कार्यकर्ताओं में विवाद हो गया। देखते ही देखते बीजेपी और एमवीए के कार्यकर्ता आक्रामक हो गए। इसी दौरान पुलिस ने आक्रामक कार्यकर्ताओं को रोका। साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए और पुलिस बल को बुलाया गया। इस दौरान दोनों तरफ से कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी जारी रखी।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि मैंने अपने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट आदेश दिया था कि किले पर कोई भी अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए। बीजेपी ने बच्चे जैसी हरकत की।

वहीँ, नारायण राणे ने आदित्य ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं को पिछले दरवाजे से किले से बाहर जाने को कहा। इस पर आदित्य ठाकरे ने विरोध करते हुए कहा कि वह मुख्य द्वार से ही बाहर जायेंगे। इसके बाद जयंत पाटिल ने नारायण राणे से बातचीत कर मध्यस्थता करने की कोशिश की।
इसके बाद नारायण राणे ने अपने समर्थकों को मुख्य द्वार से जाने देने के लिए 10 फीट जगह खाली करने को कहा। फिर पुलिस अधिकारी ने आदित्य ठाकरे से बात की और उन्हें 10 फीट खाली की गई जगह से किले से बाहर चलने के लिए मनाया। करीब 2 घंटे बाद आदित्य ठाकरे और एमवीए के बाकि नेता राजकोट किले से बाहर निकले। इस मौके पर राणे और एमवीए के समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की।

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