मुरैना. शहर सौंदर्यीकरण को लेकर दो बार प्रयास किए, वह भी फेल हो गए। इसकी वजह है प्रशासन- निगम के पास ठोस प्लानिंग व इच्छाशक्ति की कमी का होना। यही कारण है कि शहर के मुख्य बाजार में फिर से हाथ ठेले सज गए। शहर के सदर बाजार सहित अन्य सडक़ों पर चार पहिया ठेला खड़े होने से बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की दिशा में नगर निगम, पुलिस व प्रशासन ने संयुक्त रूप से प्रयास किया और 24 दिसंबर से ठेले हटाने का प्रयास किए। प्रशासन ने ठेले हटाने के साथ दुकानदारों के सामने लगे टीनशेड, चबूतरे सहित अन्य अस्थायी अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। इसको लेकर व्यापारियों का दो दिन आंदोलन चला और आश्वासन उपरांत व्यापारियों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। उसके बाद ठेले वाले धरने पर बैठ गए। लगातार धरना चलने के बाद प्रशासन ने ठेले वालों से बात की और फिर से बाजार में ठेले लगवा दिए। दो- तीन दिन तक बाजार में साफ सुथरा दिखाई दिया लेकिन ठेले लगने से फिर से बाजार के रास्ते जाम हो गए। इस तरह के प्रयास तत्कालीन आयुक्त के समय में भी हुआ था, उस समय भी इसी तरह दो तीन दिन ठेले वाले हटाए गए लेकिन बाद में फिर से चार पहिया ठेले वाले फिर से वहीं पर लगाए गए। हर बार पुलिस, प्रशासन व नगर निगम ने शहर में सौंदर्यीकरण के प्रयास किए लेकिन अधिकारियों के पास प्लानिंग है और इच्छाशक्ति के अभाव में प्रयास सफल नहीं हो सके।
इन बाजारों के हालात ज्यादा खराब शहर में ओवरब्रिज चौराहे से सदर बाजार होते हुए हनुमान चौराहा, झंडा चौक से शंकर बाजार सहित अन्य बाजारों में चार पहिया ठेले और फुटपादियों ने पूरी सडक़ को घेर लिया है। शहर में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर व्यापारियों की चेतावनी के चलते पुलिस व प्रशासन और नगर निगम सक्रिय तो हुआ लेकिन ठेले वालों की हड़ताल के चलते प्लानिंग अधर में लटक गई।
ऐसे कैसे होगा डिवाइडर का निर्माण व सौंदर्यीकरण नगर निगम की प्लानिंग हैं कि ओवरब्रिज चौराहे से हनुमान चौराहा, झंडा चौक होते हुए शंकर बाजार तक पुराने डिवाइडर तो तोडकऱ नए सिरे से निर्माण कर उसकी पुताई और उस पर रैलिंग व पौधे लगाना है लेकिन ठेले न हटने से इस प्लानिंग पर फिर से कुहासा छा गया है। निगम को अगर सौंदर्यीकरण करना हैं तो चार पहिया ठेले व फुटपादियों को हटाना ही होगा।
एनएच-552 (अंबाह रोड) पर फिर हुआ अतिक्रमण नगर निगम ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दो दिन लगातार जेसीबी चलाकर अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया। यहां रामनगर तिराहे से मुडिय़ाखेड़ा बाइपास तक करीब 100 से अधिक अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने फिर से दुकानों के आगे सामान रखकर अस्थायी अतिक्रमण कर लिया है। जब तक लगातार चालानी कार्रवाई नहीं होगी तब तक अतिक्रमण नहीं थमेगा। व्यापारी ये कर चुके हैं मांग
शहर के मुख्य मार्गो पर हाथ ठेलों एवं सडक़ों पर स्थाई दुकानों से हो रहे जमावाड़े को हटाया जाए।
शहर की टूटी-फूटी सडक़ों की मरम्मत कराइ जाए।
शहर में ई-रिक्शों की अव्यवस्था के कारण पुल तिराहे से महादेव नाका, रेल्वे स्टेशन गेट पर पूर्ण रुप से जाम की अव्यवस्था रहती है, इसे सुधारा जाए।
आवारा जानवरों की भरमार के कारण प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, इस दिशा में उचित कदम उठाया जाए।
शहर में गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है, इस पर सख्त कदम उठाया जाए।
शहर की गंदी गलियों व शौचालय की नियमित सफाई कराई जाए।
शहर में स्ट्रीटलाईट अव्यवस्थित होने के कारण अंधेरे का माहौल रहता है, उचित प्रकाश की व्यवस्था की जाए। कथन
पुलिस, प्रशासन, नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, व्यापारी और ठेला यूनियन के पदाधिकारियों के बैठक में चर्चा के उपरांत रास्ता निकाला जाएगा। शहर सौंदर्यीकरण को लेकर प्रयास जारी रहेंगे। शारदा सोलंकी, महापौर, नगर निगम
Hindi News / Morena / शहर सौंदर्यीकरण के 2 प्रयास, दोनों ही फेल, वजह प्रशासन-निगम के पास न प्लानिंग है न इच्छाशक्ति