ऐसे खुल गई महापौर की पोल
मुरैना महापौर शारदा सोलंकी ने जिस स्कूल से 1986 में 10वीं पास करने का दावा किया है, वहां के स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उनके यहां उस साल इस नाम के किसी विद्यार्थी ने प्रवेश ही नहीं लिया था। आरटीआई के तहत मिली जानकारी में सामने आया कि शारदा सोलंकी की मार्कशीट में जो रोल नंबर दिया गया है, वह किसी अन्य शख्स के नाम पर है। उसने कोई परीक्षा दी ही नहीं थी। ऐसे में पाया गया कि इस छात्र के रोल नंबर पर शारदा सोलंकी को स्वाध्यायी छात्र बताकर उन्हें पास घोषित कर दिया गया।
साल 2022 में लड़ी थी चुनाव
नगर निगम मुरैना के महापौर का चुनाव साल 2022 में हुआ था। उस समय शारदा सोलंकी कांग्रेस और भाजपा से मीना जाटव चुनाव लड़ी थी। वर्तमान में शारदा सोलंकी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। महापौर चुनाव हार चुकी मीना जाटव की ओर से वकील किशोरी लाल गुप्ता ने मुरैना न्यायालय में आरोप लगाया था कि उनका जाति प्रमाण पत्र और दसवीं की मार्कशीट फर्जी है, लेकिन इसमें सिर्फ मार्कशीट ही फर्जी निकली। वकील गुप्ता ने बताया कि प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट देशना जैन की न्यायालय से सिविल लाइन थाने को निर्देश दिए हैं कि 7 अक्टूबर तक एफआईआर दर्ज कर कोर्ट को अवगत कराएं।
जिसकी मार्कशीट वह भी फेल
वकील किशोरीलाल गुप्ता ने बताया कि जिस स्कूल से महापौर की मार्कशीट बनी है। उसने भी इस मार्कशीट को गलत बताया है। यूपी शिक्षा बोर्ड ने भी उस रोल नंबर की मार्कशीट को नरोत्तम नाम के युवक का बताया है। जो कि सभी सब्जेक्टों में फेल है।