दरअसल, मामला मुरादाबाद के थाना नागफनी इलाके का है, जहां रहने वाली एक नव विवाहिता को दहेज़ मांगे जाने का विरोध करना इतना महंगा पड़ा कि उसके शौहर ने उसे तीन तलाक दे दिया। जानकारी के मुताबिक, इसी साल जुलाई में मुरादाबाद के ही रहने वाले युवक से उसका निकाह हुआ था, जिसके बाद पीड़ित युवती के परिवार से दहेज के नाम पर एक कार और 10 लाख रुपये की मांग की गई, जिसका विरोध करने पर आरोपी शौहर ने नवंबर 2017 में तलाक देकर पीड़िता को घर से निकाल दिया। घटना के बाद पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने पति सहित 5 लोगों के खिलाफ दहेज़ उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन दर्ज मुकदमे में पीड़िता की ओर तीन तलाक का जिक्र तक नहीं किया गया। अब पीड़िता अपने मायके में रह रही है और इस मामले में पुलिस का कोई अधिकारी अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
उधर, पीड़िता का कहना है कि मुकदमा तो दर्ज है लेकिन मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और अब नया कानून बन गया है जिससे कुछ उम्मीद जागी है। उसे उम्मीद है कि नया कानून बनने से उसे न्याय मिलेगा। साथ ही और किसी की जिन्दगी इस तरह से बर्बाद नहीं होगी। वहीं इस मामले में ख़ास बात ये है कि पीड़िता तीन तलाक की बात तो कह रही है लेकिन जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमे कहीं भी तलाक का जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि मुकदमा पीड़ित वरीशा की तरफ से लिखाया गया है। इसका मुकदमा अपराध संख्या 717/17 है और धारा 498 A ,420 , दहेज़ उत्पीडन अधिनियम की धार 3 व 4 में दर्ज है।
उधर, हाल ही में रामपुर के सैदनगर में एक पति ने अपनी पत्नी को केवल इसलिए तलाक दे दिया था क्योंकि वो सुबह देर से सोकर उठी थी। पति के इस अत्याचार के बाद पीड़ित महिला शिकायत लेकर थाने पहुंच गई। लेकिन समाज के कुछ लोग उसे वहां से यह कहकर अपने साथ ले गए कि अक्सर घर में लड़ाइयां होती रहती हैं।