scriptइकलौते बेटे की मौत के ठीक बाद पिता की सदमे से निकली जान, एक चिता पर दो शव देख रो पड़ा पूरा गांव  | Just after death of his son father died of shock whole village cried after seeing two bodies on one pyre | Patrika News
मुरादाबाद

इकलौते बेटे की मौत के ठीक बाद पिता की सदमे से निकली जान, एक चिता पर दो शव देख रो पड़ा पूरा गांव 

ठाकुरद्वारा के एक गांव में बेटे की मौत का सदमा ऐसा लगा कि पिता की भी मौके पर मौत हो गई। बेटे और पिता का शव एक ही चिता पर देख पूरे गांव में हाहाकार मच गया।

मुरादाबादOct 12, 2024 / 02:06 pm

Prateek Pandey

Moradabad News
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में ग्राम प्रधान किरण देवी के बेटे की मौत के कुछ समय बाद उनके पति की भी माैत हो गई। दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। घटना के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है।

फेफड़ों में था इंफेक्शन

लवी को फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण काशीपुर में इलाज चल रहा था। हालात में कुछ सुधार होने पर परिजन उसे घर ले आए थे लेकिन अचानक उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इसके बाद उसे दिल्ली के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान लवी की बीमारी से दुखी योगेंद्र की तबीयत भी खराब हो गई थी।
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मामला है ठाकुरद्वारा के टांडा अफजल गांव का। गांव में ग्राम प्रधान किरण देवी के बेटे लवी कुमार की मौत के डेढ़ घंटे बाद उनके पति योगेंद्र सिंह का भी निधन हो गया। दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। शुक्रवार को लवी की मौत के बाद जब परिजन उसका शव लाने निकले तभी योगेंद्र ने भी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरा गांव प्रधान के घर पर जमा हो गया।

एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

आपको बता दें कि योगेंद्र का शव सुबह 11 बजे गांव लाया गया। लवी का शव भी परिजन वहीं लेकर पहुंचे। दोनों के अंतिम दर्शन के लिए गांव में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद दोपहर में ग्रामीणों ने प्रधान के खेत में एक ही चिता बनाकर दोनों का अंतिम संस्कार किया।
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प्रधान और उनकी बेटियों का बुरा हाल 

एक ही घर में दो मौतों से प्रधान किरण देवी और उनकी बेटियां सोनम और हिमांशी बुरी तरह से टूट गईं। रोते-रोते उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वे बेहोश हो गईं। लवी प्रधान का इकलौता बेटा था और वह बीएससी पास करने के बाद खेती में अपने पिता की मदद करता था। योगेंद्र सिंह ग्राम प्रधानी के कार्यों में भी सक्रिय थे और गांव में उनकी छवि एक सज्जन व्यक्ति की थी। 

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