भारत में ओप्पो (Oppo) की बिक्री जो उसकी वैश्विक बिक्री का लगभग 23 प्रतिशत है, को ध्यान में रखने के बाद हाई कोर्ट ने 23 फीसदी जुर्माने का आदेश दिया था। नोकिया टेक्नोलॉजीज (Nokia Technologies) के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ओप्पो निष्पक्ष और उचित शर्तों पर अपने लाइसेंस को नवीनीकृत करने या मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए तैयार नहीं है और उसने दो साल तक कोई रॉयल्टी भुगतान किए बिना हमारी तकनीक का इस्तेमाल किया है। भारत, जर्मनी, ब्रिटेन, नीदरलैंड और ब्राजील की अदालतों ने नोकिया के पक्ष में अपने फैसले दिए हैं।
नोकिया ने कहा, एक बार फिर हम ओप्पो को नियमों के अनुसार चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, और अपने प्रतिस्पर्धियों की तरह, इसके बिना काम जारी रखने की बजाय निष्पक्ष और उचित शर्तों पर लाइसेंस के लिए सहमति जताते हैं। ओप्पो ने तीन साल के लिए फिनिश टेलीकॉम गियर कंपनी की कुछ तकनीक का उपयोग करने के लिए 2018 में नोकिया से लाइसेंस प्राप्त किया था। रिपोट्र्स के मुताबिक, नोकिया ने आरोप लगाया कि समझौते की समाप्ति के बाद ओप्पो ने रॉयल्टी में एक भी रुपए का भुगतान किए बिना भारत में लगभग 7.7 करोड़ हैंडसेट बेचे।
जुलाई 2022 में एक जर्मन अदालत ने ओप्पो के खिलाफ 4जी/5जी पेटेंट विवाद में स्मार्टफोन ब्रांड नोकिया के पक्ष में फैसला सुनाया। गिज्मोचाइना के अनुसार, यह मुकदमा नोकिया और ओप्पो के बीच 4जी (एलटीई) और 5जी पेटेंट पर चर्चा टूटने के परिणामस्वरूप हुआ था। नोकिया ने तीन क्षेत्रीय जर्मन न्यायालयों में नौ मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपी) और पांच कार्यान्वयन पेटेंट पर ओप्पो पर मुकदमा दायर किया था। लगभग 130.3 अरब डॉलर के भारी निवेश के साथ नोकिया 5जी एसईपी सेगमेंट में स्टैंडर्ड-बियरर है।
-आईएएनएस