लेबनान का इजरायल ( Israel ) के साथ तनाव भी चल रहा है। माना जा रहा है विस्फोट की वजह से लेबनान गंभीर संकट में फंस सकता है। अभी तक इस इस विस्फोट के बारे में आधिकारिक तौर कुछ नहीं कहा गया है। घटना के बाद इस इस बात की तहकीकात जारी है।
विस्फोट के बाद से इस बात की चर्चा लेबनान में जोरों पर है कि यह बम धमाका 2005 ( Bomb Blast 2005 ) में लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी ( Former Prime Minister Rafiq Hariri ) की हत्या की जांच और अदालती सुनवाई का फ़ैसला शुक्रवार को आने के ठीक तीन दिन पहले हुआ है। फिलहाल इस विस्फोट को लेकर अलग—अलग पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच जारी है। लेकिन चार पहलू प्रमुखता से सामने उभरकर सामने आए हैं।
Ram Mandir Bhoomi poojan : प्रियंका गांधी के रुख से मुस्लिम लीग नाराज, केरल में कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत पहला : यह एक हादसा है वेयरहाउस विस्फोट को कुछ रिपोर्ट में हादसे के तौर पर भी देखा जा रहा है। लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में तटीय इलाक़े पर स्थित एक विस्फोटक केंद्र में आग को इसकी वजह बताई जा रही है।
दूसरा : इजरायल से लेबनान का तनाव इस घटना को इजरायल ( Israel ) से जोड़कर देखा जा रहा है। लेबनान का इजरायल के साथ लेबनान का इन दिनों सरहद पर तनाव चल रहा है। इजरायल ने पिछले हफ़्ते कहा था कि उसने अपने इलाक़े में हिजबुल्लाह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। हालांकि बीबीसी से इजरायल के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया है कि बेरुत बम धमाके से इजराइल का कोई संबंध नहीं है। न ही लेबनान के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
तीसरा : आंतरिक कलह व आर्थिक संकट इस धमाके ने कइयों को रफीक हरीरी की मौत की भी याद दिला दी। लेबनान के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह महज हादसा न होकर पूर्व नियोजित साजिश भी हो सकता है। ऐसा इसलिए कि लेबनान में पिछले कुछ समय से सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन ( Internal Crisis ) हो रहे हैं।
लेबनान 1975-1990 के गृह युद्ध के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं। यानि इस मामले को वहां की आंतरिक और बाहरी हस्तक्षेप से जोड़कर भी देखा जा रहा है। जानकारी ये भी है कि धमाके के ठीक पहले सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ऊर्जा मंत्रालय के बाहर हाथापाई हुई थी। यहां तक कि भुखमरी की चेतावनी और सांप्रदायिक टकाराव बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
Ram Mandir Bhoomi Poojan के बाद अमित शाह बोले – PM ने करोड़ों लोगों की आस्था को सम्मान देने का काम किया चौथा : ईरान के साथ पुराना विवाद इस बम विस्फोट के पीछे ईरान ( Iran ) का भी हाथ माना जा रहा है। इस पीछे खास वजह यह है कि 2005 में रफीक हरीरी की हत्या के मामले संयुक्त राष्ट्र ( United Nations ) और लेबनान ने विस्फोट ( Labanon blast ) की जांच के लिए 2007 में द हेग में एक ट्राइब्यूनल ( Tribunal ) का गठन किया था। इस ट्राइब्यूनल ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के चार संदिग्धों पर आतंकवाद, हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप तय किए है। कल इस ट्राइब्यूनल का फैसला आने वाला है।
रफीक की हत्या से जुड़े पांचवें शख़्स और हिजबुल्लाह ( Hezbollah ) के सैन्य कमांडर मुस्तफ़ा अमीन की 2016 में सीरिया में हत्या कर दी गई थी। हिजबुल्लाह के समर्थकों ने इस ट्रायल को ख़ारिज कर दिया है। उनका कहना है कि ट्राइब्यूनल राजनीतिक रूप से तटस्थ नहीं है।
हरीरी मामला क्या है? कार बम के ज़रिए 2005 में लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की हत्या कर दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र का एक ट्राइब्यूनल इस हत्या के मामले में शुक्रवार को फ़ैसला सुनाने वाला है। इसमें सभी 4 संदिग्ध ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह समूह के हैं। हालांकि ये इस हमले में शामिल होने से इनकार करते रहे हैं। हरीरी को जब कार बम के ज़रिए मारा गया था तो इसमें 21 अन्य लोगों की भी जान गई थी। रफीक की हत्या 14 फ़रवरी, 2005 को एक गाड़ी से जा रहे थे तभी उन्हें निशाना बनाकर एक बड़ा धमाका किया गया था। इस धमाके में उनकी मौत हो गई थी।
Article 370 Abrogation : कहां गए पत्थरबाज, जनिए एक साल में Jammu-kashmir में कितना आया बदलाव कैसे हुआ धमाका दरअसल, लेबनान की राजधानी में बेरुत में हुए इस धमाके के पीछे एक वेयरहाउस में असुरक्षित तरीके से रखे गए अमोनियम नाइट्रेट ( ammonium nitrate ) केमिकल को वजह माना जा रहा है। लेबनान के अधिकारियों का कहना है कि वेयरहाउस में 2,750 टन विस्फोटक नाइट्रेट असुरक्षित तरीक़े से कैसे स्टोर कर रखा गया। उसमें धमाका कैसे हुआ, इसकी जांच अभी जारी है।
खास बात यह है कि जिस विस्फोटक नाइट्रेट के स्टोर की बात कही जा रही है वो 2014 से ही वेयरहाउस में स्टोर था। विस्फोट इतना भयंकर था कि इसकी आवाज पूर्वी भूमध्यसागर में 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई पड़ी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस विस्फोट में 135 लोगों के मरने और 5,000 हजार लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है।