गौरतलब है कि सीमा पर पूर्वी लद्दाख (Ladakh) घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना (Indian Army) के कुल 20 जवान शहीद हो गए। इसके बाद पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता एरी कनेको के अनुसार भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर हम गंभीर चिंता प्रकट करते हैं और दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने की अपील करते हैं। एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के सवाल पर यह प्रतिक्रिया दी।
कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद पूर्वी लद्दाख में अचानक हुई इस हिंसक झड़प में चीन के 43 जवानों के हताहत होने की खबर है। गलवान घाटी में तीन घंटे तक दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के कमांडिग अफसर (कर्नल) के साथ 20 जवान शहीद हो गए। इस झड़प में चीनी जवानों के मारे जाने की भी खबर है। लेकिन अभी तक चीन की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। मगर सूत्रों के आधार पर 43 चीनी सैनिक या तो गंभीर रूप से घायल हैं या मारेे गए हैं।
कहा जा रहा है कि चीन अपने हताहत हुए सैनिकों की गिनती नहीं बता रहा है। कूटनीतिक दृष्टि और अपनी गुडविल के लिए वह इस आंकड़े को छिपा रहा है। मगर सूत्रों का कहना है कि उसने अपने घायल सैनिकों के इलाज के लिए एयर लिफ्ट की कोशिश की है।
1975 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 1975 के बाद पहली बार चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में इतनी बड़ी क्षति हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगा किए गए हमले में चार भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी नहीं हुई।
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। चीन के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की हैै। इस भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। क्षेत्र में शांति के लिए तुरंत वापसी की मांग की है। दोनों के देशों के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए कई बैठकें भी हो चुकी हैं।