सोशल मीडिया पर ट्रंप ने ये कहा
ट्रंप ने बाइडेन सरकार को सुझाव दिया कि अफगानिस्तान से पहले अमरीकी नागरिकों को निकाला जाना चाहिए था। इसके बाद सभी उपकरणों को वापस लाना चाहिए था। सेना को बाहर निकालने से पहले अमरीका को उन ठिकानों पर बमबारी करनी चाहिए जो विदेशी सैनिकों के लिए बेस काम करते थे। इसके बाद आपको सेना को बाहर निकालना चाहिए था। आप इसे उल्टे क्रम में नहीं कर सकते हैं। जैसा कि हमारे जागृत जनरलों और बाइडन ने किया है। कोई अराजकता नहीं, कोई मौत नहीं- उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि हम चले गए!
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लोगों के मन में पैदा हुआ भ्रम
ठिकानों पर बमबारी करने के ट्रंप के सुझाव ने लोगों के मन में भ्रम पैदा कर दिया। सोशल मीडिया लोग उनसे पूछने लगे कि ट्रंप अपने ही सैनिकों पर बमबारी करने को कह रहे हैं क्या? एक यूजर ने सवाल करा क्या आप फौज को वहां से निकाले बिना बेस पर बमबारी का सुझाव दे रहे? एक दूसरे यूजर ने तंज कसा कि इस तरह के सुझाव से तो हमारे सैनिकों का नुकसान होता।
बाइडेन ने सेना बुलाकर फिर वापस भेजा
जो बाइडन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (9/11) पर हुए हमले के 20वीं बरसी से पहले ही अमरीकी सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा करी थी। अमरीकी सैनिकों की वापसी से तालिबान को मौका मिला और उसने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। इस कारण हजारों की संख्या में लोग मारे गए और वर्तमान समय में अफगान लोगों का भविष्य अधर में है।
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अमरीका में बाइडेन की आलोचना
बाइडेन के फैसले की वजह से अमरीका को अपनी सेना निकालने के बाद फिर से वापस अफगानिस्तान भेजनी पड़ी। इस समय कुल 6000 अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में मौजूद हैं। ये जवान दूतावास की सुरक्षा और अमरीकी नागरिकों की मदद कर रहे हैं। अब भी बड़ी संख्या में अमरीकी नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हैं। यही कारण है कि जो बाइडेन को अपने फैसले पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।