पेगासस कांड में इसे पहली ठोस कार्रवाई बताया जा रहा है। दरअसल पेगासस सूची में नाम आने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने अपना फोन और फोन नंबर दोनों बदल लिए हैं। उनके दफ्तर ने यह जानकारी दी। हालांकि मैक्रो के ऑफिस ने कहा है कि उनके पास कई फोन नंबर हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी जासूसी हो रही थी। ऐसा बस अतिरिक्त सुरक्षा के लिए है।
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पेगासस ने हैकिंग के लिए ग्राहकों को ही ठहराया दोषी पेगास मामले को लेकर फ्रांस की सरकार कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि फोन हैकिंग की खबरों के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति ने ना सिर्फ अपना फोन बल्कि नंबर भी बदल लिया।
फ्रांस सरकार के प्रवक्ता गाब्रिएल अटाल ने कहा कि इस घटना को देखते हुए राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बेशक, हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।’
बता दें कि हाल में दुनिया के 17 मीडिया संस्थानों ने एक विस्तृत जांच के बाद दावा किया था कि कई राष्ट्राध्यक्षों, मंत्रियों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए इस्राएली कंपनी के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया। इसी सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों का नाम भी शामिल था।
फ़्रांसीसी अख़बार ले मोंडे के मुताबिक मोरक्को की ओर से संभावित निगरानी के लिए इमानुएल मैक्रों के साथ 14 और फ्रांसीसी मंत्रियों को निशाना बनाया गया था। वहीं मोरक्को के अधिकारियों ने पेगासस के इस्तेमाल से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अखबार की ओर से लगाए गए आरोप निराधार और झूठे हैं।
हालांकि यह साफ नहीं है कि स्पाइवेयर कभी फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फोन पर इंस्टॉल किया गया था या नहीं। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका नंबर 2016 से पेगासस को बनाने वाले NSO ग्रुप के ग्राहकों द्वारा 50 हजार लोगों की टारगेट लिस्ट में था।
यह भी पढ़ेँः रूस में भ्रष्टाचारी पुलिस अधिकारी के घर पर मारा छापा, सामने आई ये सच इजरायल भी करेगा जांचपेगासस मामले को लेकर इजरायल में भी एक मंत्री-स्तरीय दल का गठन किया गया है। ये दल 17 मीडिया संस्थानों की खबरों का आकलन करेगा।
दूसरी तरफ जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ का कहना है कि उसका प्रोग्राम सिर्फ अपराध और आतंकवाद से लड़ने के लिए है।