दरअसल, चीन के साथ हाथ मिलाते ही ईरान ने भारत को एक बड़ा झटका दे दिया है। ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना ( Chabahar Rail Project ) से बाहर कर दिया है। ईरान ने आरोप लगाया है कि समझौते को चार साल बीत गए हैं, लेकिन भारत ने अभी तक इस परियोजना के लिए फंड नहीं दिया है। ऐसे में अब वह खुद इस परियोजना को पूरा करेगा। ईरान ने साफ कर दिया कि इसके लिए उसने चीन से समझौता कर लिया है और ईरान के मूलभूत ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स बीजिंग ( Bijing ) ही पूरे करेगा।
अमरीका-ईरान में तनाव बढ़ा, भारत ने बंद किया ईरानी एयरस्पेस का इस्तेमाल
आपको बता दें कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान ( India, Iran, Afghanistan ) के बीच चाबहार रेल परियोजना के लिए करार हुआ है। इस परियोजना के तहत चाबहार पोर्ट से जहेदान के बीच रेलवे ट्रैक बनाया जाना है, जिसके लिए भारत फंड प्रोवाइड कराने वाला था। बीते हफ्ते ही ईरान के ट्रांसपोर्ट और शहरी विकास मंत्री मोहम्मद इस्लामी ( Transport and Urban Development Minister Mohammed Alammi ) ने 628 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को बनाने का उद्घाटन भी किया है। इस रेलवे लाइन को अफगानिस्तान के जरांज सीमा तक विस्तार के साथ मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है।
भारत ने नहीं दिया साथ: ईरान
ईरान ने भारत पर आरोप लगाया कि इस परियोजना को सही समय पर पूरा करने में साथ नहीं दिया। ईरान रेल विभाग ( Iran Railway Department ) ने कहा कि अब भारत की मदद के बिना ही इस परियोजना को पूरा करेगा, क्योंकि इसे ज्यादा दिन तक अब नहीं टाला जा सकता है।
ईरान ने ऐलान कर दिया है कि इस परियोजना के लिए वह नेशनल डवलपमेंट फंड ( National Development Fund ) से 40 करोड़ डॉलर की धनराशि का इस्तेमाल करेगा। मालूम हो कि यह परियोजना अफगानिस्तान और अन्य मध्य एशियाई देशों ( Central Asian countries ) तक भारत की पहुंच को आसान बनाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मुहैया कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए बनाई जानी थी। इसके लिए ईरान, भारत और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था।
अमरीकी प्रतिबंधों के बाद भारत ने पीछे खीच लिए कदम
ऐसा समझा जा रहा है कि अमरीका ने ईरान ( US Sanctions On Iran ) पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऐसे में भारत अब ईरान से पहले के मुकाबले कम कच्चा तेल आयात करता है।
ईरानी प्रतिबंधों का भारत नहीं कर रहा उल्लंघन, कोई सबूत नहीं: अमरीका
इसी कड़ी में 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार समझौते पर भारत-ईरान के बीच हस्ताक्षर हुए थे। इस पूरी परियोजना पर करीब 1.6 अरब डॉलर का निवेश होना था। अब अमरीकी प्रतिबंधों के कारण भारत इस रेल परियोजना से अपने कदम पीछे खीच लिए हैं।
ईरान के करीब पहुंचा चीन
भारत के साथ सीमा विवाद के बाद व्यापारिक तौर पर नुकसान झेल रहे चीन को एक बड़ा मौका मिल गया है। इस प्रस्थिति का फायदा उठाकर चीन भारत को एक बड़ा झटका देने की तैयारी में है। ईरान और चीन बहुत जल्द ही एक बड़ी डील के लिए समझौता करने वाले हैं। माना जा रहा है कि चीन 400 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
चीन ईरान से सस्ते दामों पर कच्चा तेल ( Crude oil ) खरीदने के साथ ही सुरक्षा और घातक आधुनिक हथियार देने में भी मदद करेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान और चीन के बीच 25 साल के रणनीतिक समझौते पर बातचीत पूरी हो गई है. ऐसे में चाबहार रेल परियोजना ( Chabahar Rail Project ) अब चीन के हाथ आ जाएगा, जो कि भारत के लिए एक बड़ा झटका है। भारत ने अभी तक अरबों रुपये खर्च किए हैं।