देश के आतंकवाद विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधनों के प्रभाव में आने के बाद हाफिज सईद और मसूद अजहर आतंकवादी घोषित किए जाने वाले पहले मोस्ट वांटेड होंगे। सरकार ने कहा है कि प्रस्तावित नए संशोधन अंतरराष्ट्रीय मानकों और संयुक्त राष्ट्र कनवेंशन के अनुसार होंगे।
गौरतलब है कि ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक-2019’ (UAPA) को लोकसभा ने बुधवार को पारित कर दिया है।इसे अब चर्चा के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा। अगर इसे संसद की स्वीकृति मिल जाती है तो आतंकवादी घोषित किए जाने वाले की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। इसके साथ उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय के अनुमोदन के बाद किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा। इस प्रकार घोषित किया गया आतंकवादी केंद्रीय गृह सचिव के समक्ष अपील कर सकेगा। वह इस पर 45 दिनों के भीतर फैसला करेंगे। इसके लिए एक कार्यरत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति का गठन किया जाएगा। इसमें भारत सरकार की ओर से कम से कम दो सेवानिवृत्त सचिव शामिल होंगे। आतंकी घोषित होने के बाद सरकार उनकी संपत्ति को करने का कदम उठाया जा सकेगा।
एक अन्य अधिकारी के अनुसार बताया कि प्रस्तावित कानून के तहत क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इसका ब्योरा तभी आ सकेगा जब यह विधेयक संसद से पारित हो जाएगा। जिसे भी आतंकवादी घोषित करना है, उससे संबंधित आंकड़े दूसरे देशों की सरकारों से साझा किए जा सकेंगे।
पाक में मौजूद हाफिज सईद वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड रहा है और मसूद अजहर वर्ष 2001 में संसद हमले व हाल में हुए पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। प्रस्तावित कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों और संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन के अनुरूप होगा। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी के रूप में किसी की पैरवी केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही होगी।