रूस और अमरीका के बीच तनाव बढ़ता जा है। इसका कारण ईरान पर लगातार अमरीकी दबाव बनना है। ईरान द्वारा अमरीकी ड्रोन गिराए जाने के बाद से यह टेंशन और भी बढ़ गई है। वहीं रूस इसे रोकने की कोशिश में लगा है। उसका कहना है कि ईरान पर अमरीकी हमले को वह बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसे माहौल में भारत दोनों देशों के बीच शांति का कारक बन सकता है। भारत रूस का पुराना मित्र है। वहीं अमरीका भी भारत के काफी करीब आ चुका है।इस मौके पर भारत दोनों देशों के बीच मध्यथा की भूमिका निभा सकता है।
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तेल की किल्लत को खत्म करने की कोशिशईरान से तेल आयात करने वाले भारत के लिए संकट की स्थिति है। अमरीका ने ईरान से तेल लेने पर बैन लगा दिया है। इसे लेकर भारत विश्व पटल पर इस प्रतिबंध को दूर करने की कोशिश करेगा। भारत चाहता है कि अमरीका उसे कुछ रियायत दे ताकि देश में तेल की किल्लत को खत्म किया जा सके। अगर यह प्रतिबंध जारी रहा तो भारत में तेल के दाम और बढ़ेंगे।
पीएम मोदी कई देशों के नेताओं से बातचीत कर अहम समझौता कर सकते हैं। इस दौरान वह पड़ोसी देश चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात कर पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए समर्थन खत्म करने का आग्रह कर सकते हैं। वहीं अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर वह ट्रेड वॉर को खत्म करने का निवेदन कर सकते हैं।
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10 देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी जी-20 समिट से इतर 10 देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसमें फ्रांस, जापान, इंडोनेशिया, अमरीका, तुर्की, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका आदि देश शामिल हैं। पीएम मोदी इस दौरान BRICS के नेताओं के साथ अलग बैठक करेंगे। साथ ही साथ RIC ( Russia-India-China ) के साथ भी अहम बैठक करेंगे। बता दें कि जापान के ओसाका में 28 और 29 जून को G-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है।