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2018 में शिकायत दर्ज कराई थी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उस समय के रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी उनके विभाग से जड़े पहलुओं पर पूछताछ हो सकती है। इसके साथ कई और बड़े नेताओं को भी बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि फ्रेंच एनजीओ शेरपा ने वर्ष 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी। मगर तब फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने इसे खारिज कर दिया था।
वहीं, दसॉल्ट एविएशन की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करी गई है। इससे पहले कंपनी ने इस बात पर इनकार करा था कि भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे में कोई धांधली हुई है।
पीएनएफ ने पहले किया था इनकार
फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने 2019 में राफेल में कथित धांधली की औपचारिक जांच से मना कर दिया था। उस दौरान इसके प्रमुख एलियान हाउलेट ने पूरे मामले को बिना किसी जांच के खारिज कर दिया था। मगर अब पीएनएफ ने अपना रुख बदलते हुए मामले की जांच कराने का फैसला किया है।
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गौरतलब है कि रफाल सौदे की जांच को लेकर फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसल लिया है। भारत के साथ करीब 59,000 करोड़ रुपये रफाल सौदे में कथित ‘भ्रष्टाचार’ की अब न्यायिक जांच कराई जाएगी। इसके लिए एक फ्रांसीसी जज की भी नियुक्ति की गई है।