दरअसल देश के राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में कोरोना वायरस संकट से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को सही व्यवस्था पर लाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। यह फेरबदल ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब कुछ दिन पहले स्थानीय चुनावों में मैक्रों की पार्टी को फ्रांस के बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा था।
फ्रांस में कोरोना वायरस के कारण हजारों जानें जा चुकीं हैं। फ्रांस में स्वास्थ्य व्यवस्था के बुरे हालात देखने को मिल रहे हैं। एक अस्पताल का दौरा करते वक्त मैक्रों को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस दौरान वहां के स्टाफ ने उन्हें फटकार लगा दी। उन्होंने बताया कि उनके पास कोरोना मरीज के इलाज के लिए किट नहीं हैं। वह पुराने मास्क और गलव्स से काम चल रहे हैं। फ्रांस के हालात को देखकर ऐसा लगता है कि मैक्रों के लिए सत्ता बने रहना मुश्किल होगा। ऐसे में वे अब जनता के गुस्से को शांत करने के लिए मंत्रीमंडल में फेरबदल कर रहे हैं।