न्यायिक अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार के हमले के बाद सात लोगों को हिरासत में लिया गया लेकिन किसी को भी छोड़ा नहीं गया है। अधिकारियों ने इस हमले को इस्लामिक कट्टरपंथियों ( Islamic Extremist ) द्वारा किया गया हमला बताते हुए कहा कि शार्ली हेब्दो पर 2015 में भी अलकायदा ने हमला किया था। उस दौरान हुए आतंकी हमले में 12 कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
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बता दें कि शार्ली हेब्दो ने 2015 में मोहम्मद पैगंबर का कार्टून प्रकाशित किया था। इसको लेकर तमाम मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इस कार्टून के विरोध में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने शार्ली हेब्दो के कार्यालय में हमला कर दिया था।
पाकिस्तान से जुड़े हमलावर के तार
आपको बता दें कि फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड ड्रामानिन ने जानकारी देते हुए बताया है कि शुक्रवार को चाकू से हमला करने वाला संदिग्ध एक महीने पहले भी पेचकस के साथ पकड़ा गया था। हालांकि वह पुलिस की निगरानी में नहीं था। उन्होंने बताया कि हमारे यहां पेचकस को हथियार नहीं माना जाता है।
ड्रामानिन ने जो सबसे बड़ी बात बताई वह यह है कि संदिग्ध तीन साल पहले पाकिस्तान से फ्रांस आया था। जब वह फ्रांस आया था तब नाबालिग था, लेकिन उसकी पहचान की पुष्टि अभी की जा रही है।
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मालूम हो कि शुक्रवार को पेरिस स्थित शार्ली हेब्दो के पुराने कार्यालय के पास चाकू से हमला किया गया था। इस हमले में चार लोग घायल हो गए थे। इसमें से दो की हालत गंभीर है। गृह मंत्री ने इस बात को माना कि जहां पर इस हमले को अंजाम दिया गया था, वहां पर सुरक्षा व्यवस्था उतनी मजबूत नहीं थी, जितना की होना चाहिए। इस घटना के बाद से उन्होंने सभी महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है।
इस हमले के लेकर अभी तक कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आया है। हालांकि ये माना जा रहा है कि संभवत: शार्ली हेब्दो को निशाना बनाकर हमला किया गया है। चूंकि 2015 में हुए हमले के सिलसिले में मुकदमा दर्ज कराया गया था और उस मामले में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई थी, जिसमें गवाहों की पेशी होनी थी।