दरअसल, ये दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस चीन ( Coronavirus In China ) से पहले अमरीका में फैलना शुरू हो गया था। दिसंबर 2019 में अमरीका में वायरस के फैलने के कुछ हफ्ते बाद चीन में पाया गया और फिर एक महीने बाद स्वास्थ्य प्रशासन को पहला केस मिला। यह खुलासा प्रकाशित एक सरकारी स्टडी में किया गया है।
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आपको बता दें कि अमरीका ने लगातार ये आरोप लगाया कि चीन ने जानबूझकर दुनिया से वायरस की जानकारी छिपाई और दुनिया को अंधेरे में रखा। यदि सही समय पर सूचित किया जाता तो दुनिया को इस वायरस के खतरे से बचाया जा सकता था। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो कई बार कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताया। जिसके कारण दोनों देशों में टकराव की स्थिति चरम पर पहुंच गई है। हालांकि अब इस नए खुलासे के बाद से चीन-अमरीका के बीच तनाव एक नया मोड़ ले सकता है।
US CDC की रिपोर्ट में खुलासा
बता दें कि वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमरीका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेन्शन (CDC) ने अपनी स्टडी में ये कहा है कि चीन से पहले अमरीका में कोरोना वायरस फैलने की शुरूआत हो चुकी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य प्रशासन और रिसर्चर्स को इसके बारे में पता चलने से पहले से यह वायरस दुनियाभर में फैल रहा था।
CDC ने अमरीकन रेड क्रॉस के कलेक्ट किए गए 7,389 ब्लड सैंपल्स का अध्ययन किया। इस अध्ययन में ये पाया गया कि 106 लोग कोरोना संक्रमित हैं। यह स्टडी क्लिनिकल इन्फेक्शियस डिजीजेज में प्रकाशित की गई है।
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स्टडी में बताया गया है कि 13 दिसंबर से 17 जनवरी के बीच सैंपल लिए गए और फिर इसका टेस्ट किया गया किया क्या इनमें कोरोना से निपटने वाला एंटीबॉडीज है या नहीं? टेस्ट के बाद ये संभावना जताई गई कि संभवतः SARS-CoV-2 वायरस दिसंबर 2019 में अमरीका में था, जबकि अब तक ये कहा जा रहा था कि अमरीका में बाद में कोरोना वायरस पहुंचा है।
चीन ने हमेशा आरोपों से किया है इनकार
आपको बता दें कि चीन ने हमेशा से इन आरोपों को खारिज किया है कि कोरोना वायरस चीन से फैलना शुरू हुआ है। बीते दिनों चीन ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए ये कहा था कि कोरोना वायरस भारतसे फैलना शुरू हुआ है। चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कहा था कि संभवतः भारत में 2019 की गर्मियों में कोरोना वायरस पैदा हुआ था। इसके बाद यह वायरस पशुओं के जरिए दूषित जल माध्यम से इंसान में प्रवेश कर गया।
फिर यह वुहान पहुंचा, जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित पहला केस सामने आया। हालांकि, ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के एक विशेषज्ञ डेविड राबर्ट्सन ने चीनी वैज्ञानिकों के दावे को दोषपूर्ण करार देते हुए खारिज किया है।
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मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक दबाव के कारण एक टीम बनाई थी और उसे कोरोना वायरस के पैदा होने की जांच के लिए वुहान भेजा था। लेकिन चीन ने इन जांच टीमों को सहयोग नहीं किया और अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। दुनिया के वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं को अब तक ये पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस कहां से और कैसे आया।