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चीन का नया पैंतरा, अब भारत के साथ मॉस्को में चाहता है द्विपक्षीय वार्ता

मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) की बैठक के दौरान चीन भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता ( bilateral talks ) करना चाहता है।
हाल ही में सीडीएस विपिन रावत ( CDS Vipin Rawat ) ने चीन के टालू रवैये को देखते हुए कहा था कि बातचीत से समाधान न निकलने पर हम सैन्य विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
रूस इस बात में रुचि ले रहा है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ( India-China Border Dispute ) को लेकर जारी तनाव कम हो।

Aug 27, 2020 / 11:02 am

Dhirendra

India-China
नई दिल्ली। भारत-चीन ( India-China )के बीच जारी तल्खी के बीच ड्रैगन ने एक नई चाल चली है। पहले उसने मॉस्को में त्रि-पक्षीय वार्ता के दौरान अपनी जिद पर अड़ा रहा। लेकिन चीन की ओर से सीमा विवाद सुलझाने को लेकर टालू रवैये के बाद भारत द्वारा सैन्य विकल्प की बात करने के बाद से चीन अब मॉस्को में द्विपक्षीय वार्ता ( bilateral talks ) पर जोर दे रहा है। इस पर भारत ने अपना रुख अभी स्पष्ट नहीं किया है।
चीन ने सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन के विदेशी मंत्रियों की बैठक से अलग दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के द्विपक्षीय वार्ता चाहता है। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar ) और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ( Chinese Foreign Minister Wang Yi ) अगले महीने शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) के विदेश मंत्रियों की वार्ता के दौरान मॉस्को में मुलाकात कर सकते हैं।
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जानकारी के मुताबिक चीन अब द्विपक्षीय वार्ता में ज्यादा रुचि दिखा रहा है। लेकिन अभी तक भारत की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। अभी 10 सितंबर को प्रस्तावित बैठक की औपचारिक रूप से पुष्टि होनी बाकी है।
इस बात की संभावना ज्यादा है कि भारत गुरुवार को इस पर अपना रुख स्पष्ट कर दे। विदेश मंत्रालय इस संबंध में आज स्थिति स्पष्ट कर सकता है। जानकारी के मुताबिक एस जयशंकर एससीओ में शामिल होने के लिए मास्को की एक छोटी यात्रा कर सकते हैं। इसके पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मास्को गए थे, लेकिन उनकी चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं हुई थी।
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जानकारी के मुताबिक रूस भारत और चीन के बीच तनाव कम करने में रूस ( Russia ) रुचि ले रहा है। हालांकि रूस ने साफ किया है कि किसी तीसरे पक्ष की विवाद में जरूरत नहीं है। भारत और चीन स्वयं आपसी विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में सक्षम हैं। अमरीका सहित पूरी दुनिया की निगाह भारत-चीन संबंधों पर है।
बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा ( Galvan Valley Violence ) के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की तनाव के बीच 17 जून को फोन पर बातचीत हुई थी। जयशंकर और वांग यी ने जून में रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय वर्चुअल बैठक में भी भाग लिया था। फिर 4 सितंबर को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में भी दोनों भाग लेंगे, लेकिन दोनों सरकारों के बीच अभी तक कोई आमने-सामने द्विपक्षीय बैठक विवाद के बाद से नहीं हुई है।

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