ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 2016 में ही यानी करीब पांच साल पहले एक अभ्यास किया था। इसका उद्देश्य था कि यदि मर्स (एक तरह का श्वसन संक्रमण) आता है, तो इसका दुष्प्रभाव क्या और कितना व्यापक होगा। साथ ही, उससे निपटने के लिए क्या जरूरी उपाय किए जाने चाहिए। मर्स श्वसन प्रक्रिया से जुड़ा संक्रमण है और यह कोरोना वायरस के बेहद खतरनाक स्वरूप मर्स-कोव के संपर्क में आने से पनपता है।
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ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द गार्जियन ने FOI Act का इस्तेमाल कर इस संबंध में ब्रिटिश सरकार से जानकारी हासिल की है। अखबार ने इस संबंध में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की है। इसके मुताबिक, एक्सरसाइज एलिस को 2016 में बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया था। यह बीते साल कोविड-19 की दस्तक से करीब चार साल पहले तक ब्रिटेन में महामारी प्रबंधन को लेकर किए लगभग एक दर्जन विभिन्न अभ्यासों में एक था। यानी ब्रिटेन ने करीब पांच साल पहले लगभग एक दर्जन अभ्यास बेहद गोपनीय तरीके से किए थे और ये सभी आने वाले महामारी से बचाव, रोकथाम और उसके प्रबंधन से जुड़े थे।
इस गोपनीय अभ्यास में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के अलावा स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण विभाग यानी डीएचएससी के अधिकारी भी शामिल हुए थे। हालांकि, द गार्जियन अखबार ने पहले सामान्य रूप से ब्रिटिश सरकार से इसकी जानकारी मांगी, लेकिन पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड नेे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अभ्यास से जुड़ी जानकारियां देने से इनकार कर दिया था। मगर अब विरोध के बढ़ते सुर के बीच सभी अभ्यास की जानकारियां सार्वजनिक करने की मांग जोर पकड़ रही है।
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ब्रिटेन के वरिष्ठ संक्रामक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, एक्सरसाइज एलिस कोविड-19 महामारी को देखते हुए पूरी तरह प्रासंगिक था। इसकी योजना फ्लू की रोकथाम के लिए किए जाने वाले जरूरी उपायों के आधार पर तैयार की गई थी। लेकिन प्रमुख सलाहकार समितियों को इन सभी अभ्यास का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया और यह हैरान करने वाली बात है।
इससे पहले, ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने पिछले साल अक्टूबर में ऐसे ही एक अभ्यास एक्सरसाइज सिग्नस पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उन्होंने ब्रिटेन की संसद में जानकारी दी थी कि एक्सरसाइज सिग्नस फ्लू महामारी को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। इसका उद्देश्य अन्य संभावित महामारियों का खतरा आंकना और उसके प्रसार को रोकने के जरूरी उपाय खोजने का नहीं था।