Lockdown 4.0 के बाद की प्लानिंग में जुटा PMO-MHA, क्वारंटाइन के आंकड़े बने परेशानी
COVID-19 Lockdown in India का चौथा दौर 31 मई को हो रहा है समाप्त।
देश भर के तमाम राज्यों में फिलहाल 22.81 हजार लोग हैं Quarantine में।
12 दिन के भीतर Coronavirus Positve और क्वारंटाइन की संख्या हुई दोगुनी।
नई दिल्ली। जैसे-जैसे लॉकडाउन 4.0 ( Lockdown in India ) की समय सीमा तेजी से समाप्त हो रही है, प्रधानमंत्री कार्यालय ( PMO ) पूरे 60-दिवसीय लॉकडाउन अवधि की समीक्षा करने में व्यस्त है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ( MHA ) इस डाटा को खंगालने में जुटा हुआ है ताकि 1 जून से रणनीति तय करने में मदद मिल सके। केंद्र की बड़ी चिंता बीते 12 दिनों में दोगुनी हुई Coronvirus case in India और Quarantine किए गए लोगों की संख्या है।
केवल 12 घंटे के भीतर दो घटनाएं, Dark Web पर 18 लाख भारतीयों की जानकारी और आधार कार्ड Leak राज्यों की मांगों और अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर केंद्र ने पिछली बार Lockdown 4.0 में दो सप्ताह के विस्तार की घोषणा करते हुए काफी छूट दी थी। अंतिम निर्णय राज्यों पर छोड़ दिया गया था। इसके कुछ दिन बाद घरेलू विमान ( Domestic Flights ) सेवाएं फिर से खोल दीं और चुनिंदा शहरों के लिए उड़ानें शुरू हुईं।
पिछली बार केंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों की विस्तृत इच्छा-सूची पर बैठक और गृह मंत्रालय से जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद अपने फैसले लिए थे। लेकिन इस बार केंद्र पिछले 12 दिनों में COVID-19 के पॉजिटिव और क्वारंटाइन केस के आंकड़ों को लेकर भी चिंतित है जो दोगुने हो गए हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “आखिरकार 1 जून से कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं को लेकर यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के साथ जारी रखने या राज्यों को अंतिम रूप से फैसला लेने के लिए एक राजनीतिक कॉल होगी।” राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के लागू होने से केंद्र को स्वास्थ्य के संबंध में सभी निर्णय लेने का अधिकार है, जो एक राज्य का विषय है।
सरकार कोरोना वायरस का मुकाबला करने की अपनी रणनीति के बारे में विपक्षी दलों की ओर से की जाने वाली आलोचना से चिंतित है। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी सरकार की नीतियों के खिलाफ बेहद मुखर हो रहे हैं। साथ में दोनों ने पिछले 64 दिनों में कई मौकों पर केंद्र को अपना रुख बदलने पर मजबूर किया है।
कोरोना वायरस टेस्टिंग को लेकर ICMR ने बड़ी खुशखबरी, प्रवासियों की घर वापसी को बताया वजह आंकड़े बताते हैं कि 26 मई तक देश में 1,47,284 कोरोना वायरस मामले थे। हालांकि बड़ी चिंता की बात है कि इन संख्या से अलग 22 लाख 81 हजार 250 लोग ऐसे हैं, जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्वारंटाइन सेंटर्स में मौजूद हैं। जबकि बीते 14 मई को COVID-19 के पॉजिटिव केस की संख्या 77,152 थी और 11 लाख 95 हजार 645 लोग क्वारंटाइन में थे।
एक अधिकारी के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों का आना-जाना, विदेशों से भारतीयों को लाना और घरेलू उड़ानों की शुरुआत ने आंकड़ों में इजाफा किया है। जिन राज्यों में अंतर-जिला यात्रा और ट्रेनों की आवाजाही काफी बढ़ी है, उनमें कोरोना के ग्राफ में भारी बढ़ोतरी हुई है।
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में फिलहाल 6.02 लाख से अधिक लोग क्वारंटाइन में हैं। 12 दिन पहले यह संख्या 2.9 लाख से अधिक थी। जबकि गुजरात में अब 12 दिन पहले 2 लाख से यह बढ़कर क्वारंटाइन में अब 4.42 लाख लोग हैं। उत्तर प्रदेश में 3.6 लाख लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। 14 मई को यह आंकड़ा 2.3 लाख था।
बिहार में प्रवासियों की काफी तादाद में घर वापसी के बाद राज्य में अब 2.1 लाख लोग क्वारंटाइन हैं, जो 12 दिन पहले 1.1 लाख से अधिक थे। छत्तीसगढ़ में अब 14 मई के करीब 43,000 की तुलना में 1.8 लाख लोग क्वारंटाइन हैं। ओडिशा 14 मई को क्वारंटाइन 72,765 लोगों की संख्या बढ़कर अब 1.1 लाख हो गई है। झारखंड में 14 मई के 15,000 क्वारंटाइन लोगों की संख्या अब 88,000 से अधिक है।
एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ये सभी राज्य हैं जहां काफी संख्या में अंतर-जिला गतिविधि और प्रवासियों की घर वापसी दर्ज की गई। गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 35 लाख प्रवासियों ने विशेष ट्रेनों और बसों के जरिये अपने घरों की यात्रा की।