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क्या है आत्मनिर्भर भारत ऐप्स का मास्टर प्लान, इसे क्यों माना जा रहा है बड़ी चुनौती?

Made in India Apps Innovation Challenge प्रोग्राम दो चरणों में पूरा होगा।
पहले चरण में उन ऐप्स की तलाश की जाएगी जिनमें Global leader बनने की संभावना ज्यादा होंगी।
पीएम ऐसा टेक्नॉलजी की मदद से Corruption free india चाहते हैं।

Jul 05, 2020 / 01:32 pm

Dhirendra

PM Modi

पीएम मोदी का Made in India Apps Innovation Challenge प्रोग्राम दो चरणों में पूरा होगा।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी ( Galwan Valley ) हिंसक झड़प के बाद से भारत की गौरवशाली अस्मिता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) एक बार फिर एक्शन मोड ( Action Mode ) में हैं। इस प्लान के तहत चीन की 59 मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के बाद वह भारत में गूगल जैसी कंपनी चाहते हैं। यह डिजिटल इंडिया प्लान ( Digital India Plan ) के तहत उनका एक सपना भी है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए शनिवार को पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज ( Made in India Apps Innovation Challenge ) लॉन्च कर दिया है। लॉन्चिंग के समय उन्होंने कहा कि जुलाई, 2015 में उन्होंने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को लॉन्च किया था। उस समय उन्होंने कहा था कि भारत में गूगल ( Google Like Company ) जैसी कंपनी क्यों नहीं बन सकती है। उस कार्यक्रम में मोदी ने कहा था कि मैं एक ऐसे डिजिटल भारत की कल्पना करता हूं जो टेक्नॉलजी की मदद से सरकार करप्शन फ्री होगी।
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पीएम मोदी का सपना ( pm modi dream )

पीएम मोदी ( PM Modi ) द्वारा करीब छह साल पहले लॉन्च डिजिटल इंडिया का सपना कुछ हद तक सच भी हुआ। पेटीएम जो आज इतनी बड़ी कंपनी है के बारे में उस समय कोई नहीं जानता था। खासकर नोटबंदी के बाद इसमें तेजी आई। बायजू आज दुनिया की सबसे वैल्यू वाली एजुकेशन टेक स्टार्टअप है। हालांकि इसे उन्होंने आंशिक सफलता माना है।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि टेक स्टार्टअप में उत्साह का भंडार है। इनमें यह क्षमता है कि वे वर्ल्ड क्लास मेड इन इंडिया ऐप्स ( Made in India Apps ) बना सकते हैं। इसी कड़ी में पीएम ने आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज लॉन्च किया है।
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दो चरणों पूरा होगा काम

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ( MeitY ) ने घोषणा की है कि वह नीति आयोग के साथ मिलकर दो चरणों में इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को देशभर में चलाएगा। इसके तहत मौजूदा ऐप को प्रोत्साहित किया जाएगा और नए ऐप विकसित किए जाएंगे।
पहला चरण शनिवार से शुरू चुका हैं इसके अन्तर्गत पहले से इस्तेमाल हो रही ऐसी सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऐप की पहचान की जाएगी, जिसमें अपने संबंधित क्षेत्र में विश्वस्तरीय ऐप ( Global App ) बनने की क्षमता है। पहला चरण एक माह में पूरा होने की उम्मीद है।
8 श्रेणियों में ऐप विकसित करने पर जोर

इस महत्वाकांक्षी योजना के दूसरे चरण में भारतीय स्टार्टअप्स्, एंटरप्रेन्योर और इस क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली कंपनियों की पहचान की जाएगी। इन कंपनियों को आइडिया, इनकुबेशन, प्रोटोटाइपिंग तथा ऐप पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत आठ श्रेणियों सोशल नेटवर्किंग, ई-लर्निंग, मनोरंजन, स्वास्थ्य और वेलनेस, बिजनेस जिसमें एग्रीटेक, फिनटेक, समाचार और गेम्स शामिल हैं, में ऐप विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।

18 जुलाई तक एंट्रीज
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने माईगांव वेबसाइट के जरिए लोगों से एंट्रीज भेजने की अंतिम तारीख 18 जुलाई तय की है। निजी और अकादमिक क्षेत्र के एक्सपट्र्स टीम एंट्रीज का आकलन करेगी। चयनित ऐप को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही नागरिकों को सूचना के लिए इन्हें लीडर बोर्ड पर भी डाला जाएगा।

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