IMD के मुताबिक 13 अगस्त से 19 अगस्त के बीच लंबी औसत अवधि की तुलना में 42 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
इसरो के मिशन चंद्रयान-2 को लेकर एक साल बाद आई खुशखबरी, जानें इसरो ने क्या साझा की जानकारी गणेश चतुर्थी पर इस बार 126 वर्ष बाद बना खास संयोग, जानें गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त देशभर के ज्यादातर इलाकों में इन दिनों मानसून सक्रिय है। यही वजह है कि बीता पूरा सप्ताह मानसून के लिहाज से काफी बेहतर माना जा रहा है। 13 से 19 अगस्त के बीच देश के कई इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है। खास तौर पर मध्य भारत के इलाकों में मानसून की जोरदार आमद रही।
IMD के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से पिछले पूरे सप्ताह जोरदार बारिश हुई है। हालांकि मानसून अभी भी कई इलाकों में सक्रिय है और माना जा रहा है कि ये आने वाले कुछ दिनों तक ऐसा ही बना रहेगा।
सामान्य तौर पर अगस्त के आखिरी सप्ताह तक बारिश कम होने लगती है लेकिन इस बार मानसून जुलाई में कमजोर हुई और अगस्त में एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली। रविवार से फिर शुरू होगा बारिश का दौर
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी पर एक बार फिर निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके चलते 23 अगस्त यानी रविवार से लेकर आने वाले दिनों में एक बार फिर मानसून गतिविधियां सक्रिय हो जाएंगी और कई इलाकों में जोरदार बारिश दस्तक देगी।
17 सितंबर तक उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से लौटेगा मानसून
मानसून बार कुछ ज्यादा लंबा चल सकता है। आमतौर पर अगस्त के अंतिम सप्ताह में इसके लौटने के संकेत मिल जाते हैं, लेकिन इस बार आईएमडी ने 1971 से 2019 की मानसून वापसी के अध्ययन के आधार पर मानसून वापसी की नई तिथि बताई है। इसके मुताबिक 17 सितंबर तक मानसून उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से लौटेगा।
ये पिछली सामान्य तिथि से दो सप्ताह पहले है। इस बार मानसून तेजी से लौटने की भविष्यवाणी की गई है। 20 सितम्बर तक ये पूरे राजस्थान और उत्तरी गुजरात के कुछ क्षेत्र से लौट जाएगा। साथ ही चार से पांच दिनों की देरी से पंजाब और हरियाणा के पश्चिमी क्षेत्र से लौटेगा।
ऐसा रहा बारिश का असर
देश में बीते सप्ताह में जोरदार बारिश दर्ज की गई है। देशभर में करीब 85.7 मिमी बारिश दर्ज हुई। इसमें मध्य भारत में 93 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। जो इस अवधि में एक रिकॉर्ड है। वहीं दक्षिणी प्रायद्वीप में 56 फीसदी, उत्तरी पश्चिमी भारत में 12 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है। हालांकि पूर्वी और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में अब भी 23 फीसदी कम बारिश हुई।