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चुनाव लड़ने के लिए कितने पढ़े-लिखे हों उम्मीदवार? होली के बाद सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने होली के बाद इस याचिका पर सुनवाई करने का लिया है फैसला
उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की न्यूनतम शिक्षण योग्यता, अधिकतम आयु सीमा निर्धारित करने की मांग
2017 में भी दायर हुई थी इस तरह की याचिका

Mar 14, 2019 / 05:23 pm

Shweta Singh

supreme court of india

चुनाव लड़ने के लिए कितने पढ़े-लिखे हों उम्मीदवार? होली के बाद सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत जल्द ही इस बात का फैसला कर सकती है कि चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कितनी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर होली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगा। इस दौरान कोर्ट में उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की न्यूनतम शिक्षण योग्यता, अधिकतम आयु सीमा और उनके मापदंड को निर्धारित करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

वकील दिनेशराय द्विवेदी ने दायर की थी याचिका

जानकारी के मुताबिक वकील दिनेशराय द्विवेदी ने इससे संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने मांग रखी है कि चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने के निर्देश जारी करे। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आयु सीमा निर्धारित करने की भी मांग की है।

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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का भी जिक्र

आपको बता दें कि इस याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान का उल्लेख किया गया है। यह अधिनियम भ्रष्ट आचरण से संबंधित है। इसके तहत उम्मीदवारों और उनके साथ जुड़े अन्य लोग जैसे एजेंट आदि के खिलाफ भी चुनाव कानून के तहत मुकदमा चलाने के निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने होली की छुट्टी के बाद इस याचिका पर सुनवाई करना निर्धारित किया है।
पहले भी दायर हुई ऐसी याचिका

आपको बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह की याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट खारिज कर चुका है। कोर्ट में साल 2017 की जुलाई में जनप्रतिनिधियों (सांसदों या विधायकों) की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की निर्धारित करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका खारिज करने का कारण बताते हुए कहा था कि, ‘याचिका में इस बात का आदेश मांगा गया है कि सांसदों और विधायकों के लिए न्यूनतम योग्यता होनी चाहिए। लेकिन हम इस पर फैसला नहीं कर सकते, इस पर संसद निर्णय लेगी।’

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