सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक का पोम्पियो ने लगभग 10 दिन पहले जयशंकर को फोन किया था। संकट के समय भारत को अमरीका का समर्थन ( American Support ) देने की बात कही थी।
Amarnath Yatra : बाबा बर्फानी के भक्तों का होगा कोरोना टेस्ट, घर बैठे होंगे हिमलिंग का दर्शन बता दें कि मार्च से अब तक एस जयशंकर और माइक पोम्पियो ( Mike Pompeo and S Jaishankar ) ने आपस में तीन बार एक-दूसरे से बात की है। हालांकि गलवान घाटी ( Galvan Valley ) में हुई हिंसा के बाद दोनों के बीच पहली बार बात हुई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फोन के बारे में जानकारी रणनीतिक कारणों की वजह से सार्वजनिक नहीं की गई। ऐसा इसलिए किया गया कि भारत और चीन उस समय सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता कर रहे थे।
भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की दूसरे दौर की वार्ता 22 जून को हुई थी। गलवान घाटी में हुई झड़प के दो दिन बाद 17 जून को वाशिंगटन की तरफ से जो बयान आया था वो काफी तटस्थ था। अमरीकी विदेश विभाग ( US State Department ) ने बयान जारी कर कहा था कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना ( Indian Army ) ने बताया है कि उसके 20 जवान शहीद हुए हैं। हम उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।
क्या है आत्मनिर्भर भारत ऐप्स का मास्टर प्लान, इसे क्यों माना जा रहा है बड़ी चुनौती? डीसी वाशिंगटन में जारी बयान में कहा था कि भारत और चीन दोनों ने तनाव कम करने को लेकर इच्छा जाहिर की है। हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।
लेकिन विगत 10 दिनों के दौरान अमरीका की ओर से जारी बयानों में भारत के प्रति खुलकर समर्थन व्यक्त किया गया है। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( US Secretary of State Mike Pompeo ) बयान देने के मामले में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं।
एक जुलाई, 2020 को वाशिंगटन में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने भारत सरकार द्वारा 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया था। अमरीका ने सार्वजनिक रूप और निजी तौर पर एलएसी पर जारी तनाव के बीच साउथ ब्लॉक खुला और मजबूत समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनाव जारी है। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसी बीच अमरीका विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत की।