भारतीय रेलवे ( Indian Railway ) ने एक दिन पहले ही एक पत्र जारी कर अपने महाप्रबंधकों से कहा था कि वे रिक्तियों में 50 प्रतिशत की कटौती करें और नए पदों का सृजन फिलहाल रोक दें। उसके बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर थी रेलवे में कुछ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
NHAI के सर्वर पर हमला, हैकर्स ने डेटा चुराकर पाब्लिक डोमेन में डाला, जांच जारी एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में रेलवे बोर्ड के महानिदेशक एचआर आनंद एस खाटी ( Director General of Railway Board HR Anand S Khati ) ने बताया था कि भारतीय रेल नौकरीपेशा लोगों की संख्या में कटौती नहीं कर रही है। बल्कि सही व्यक्ति को सही काम देने की योजना पर काम कर रही है।
एचआर डीजी एएस खाटी ने कहा कि भारतीय रेल में प्रौद्योगिकी के आने से कुछ लोगों का काम बदल सकता है, ऐसे में उन्हें नए काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा, लेकिन किसी की नौकरी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा, हम सही व्यक्ति को सही काम देंगे, नौकेरी से नहीं निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता बना रहेगा। हम बिना कौशल वाली नौकरियों से कौशल वाली नौकरियों की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को दिए गए आदेश से तात्पर्य ऐसे पदों पर भर्ती करने से बचना है जहां कोई काम नहीं है।
पीएम मोदी ने किया चीनी मंशा का पर्दाफाश, अंडमान में fast track strategy पर काम रहा है भारत ऐसा करके भारतीय रेल उचित जगहों पर नई रिक्तियां सृजित कर सकती है। ताकि चयनित और कार्यरत मानव श्रम ( Human Resource ) का कुशलतम उपयोग हो सके। इसलिए रेल प्रशासन ( Rail Administration ) के आदेश से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
डीजी खाटी ने इस बात पर जोर भी दिया कि जिन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, वह जारी रहेगी और नियुक्तियां भी होंगी। जिन नियुक्तियों के संबंध में विज्ञापन या अधिसूचना जारी हो चुकी है, उनमें भी कोई बदलाव नहीं होगा। भारतीय रेल में फिलहाल 12,18,335 कर्मचारी है और वह अपनी कमाई का 65 प्रतिशत हिस्सा वेतन और पेंशन पर खर्च करती है।