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ट्रैपियर ने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलता और सच्चाई मैंने पहले घोषित कर दी थी। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा किए गए बयान सत्य हैं। मुझे झूठ बोलने की आदत नहीं है। उन्होंने कहा कि दसॉल्ट सीईओ के रूप में मेरी एक प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा कि हमने खुद अंबानी को चुना। रिलायंस के अलावा हमारे पास पहले से 30 साझेदार हैं। सीईओ एरिक ट्रैपियर ने स्पष्ट कहा कि राहुल गांधी की ओर से लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार और झूठे हैं। एरिक ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने दसॉल्ट और रिलायंस के बीच हुए ज्वाइंट वेंचर को लेकर भी झूठ बोला है। जबकि डील के बारे में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही है। हालांकि एरिक ने यह भी कहा कि कांग्रेस के साथ उनके संबंध काफी पुराने हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ उनकी पहली डील 1953 में जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल में हुई थी।
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एरिक ने यह भी कहा कि रफाल डील में रिलायंस के साथ हुए एग्रीमेंट में इन्वेस्ट किया पैसा रिलायंस नहीं बल्कि ज्वाइंट वेंचर का है। हालांकि इस वेंचर में रिलायंस की ओर से भी पैसा लगा है। लेकिन इंडस्ट्रीयल पार्ट उनके इंजीनियर ही लीड करेंगे। इसका फायदा यह होगा कि रिलायंस को एयरक्राफ्ट बनाने का अनुभव मिलेगा। एरिक ने स्पष्ट कहा कि इस ज्वाइंट वेंचर में 49 प्रतिशत हिस्सा दसॉल्ट और 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी रिलायंस की है। इस ज्वाइंट वेंच में कुल मिलाकर 800 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट किया जाएगा। इसमें दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत की होगी।