इसका अर्थ है कि सभी यात्री ट्रेनों का समय और फीक्वेंसी ( Time and Frequency ) एक बार फिर से तैयार होगी। रेलवे यह सुनिश्चित करेगा कि लंबी दूरी तक जाने वाली सभी ट्रेनें समय से गंतव्य तक पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक रेलवे अपनी सभी मेल, एक्सप्रेस और कुछ अन्य ट्रेनों के हॉल्ट को कम करना चाहता है। ताकि इससे गंतव्य तक पहुंचने में ट्रेनों को कम समय लगे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ( Railway Board Chairman VK Yadav ) ने हाल ही में कहा था कि कोरोना वायरस के कारण इस फैसले को अमल में लाने में देरी हुई, लेकिन इसे अब लागू किया जाएगा।
आज है गुरु पूर्णिमा, जानिए पूजा विधि और किस मंत्र के जाप से होगा लाभ? एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के स्टॉपेज बाद में तय होंगे रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के स्टॉपेज ( Express and mail trains stoppages ) बाद में तय किए जाएंगे। इससे पहले अधिकारी इस बात का आकलन करेंगे कि जिन स्टेशनों को हॉल्ट से हटाने की योजना है उनसे कितने यात्री चढ़ते हैं और कितने उतरते हैं।
151 ट्रेनों का संचालन करेंगी निजी कंपनियां रेलवे का मानना है कि ट्रेनों को अपने गंतव्य पर पहुंचे से पहले अगर इन हॉल्ट्स को कम कर दिया जाता है तो इससे ट्रेन का यात्रा समय कम हो जाएगा और तब वे लंबी दूरी तक नॉन स्टॉप ( Non Stop ) दौड़ पाएंगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 151 ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियां ( Private Companies ) करेंगी जो इस जीरो बेस्ड टाइम टेबल ( Zero based time table ) का हिस्सा होंगी।
Bihar : सीएम नीतीश कुमार को मिली राहत, कोरोना जांच रिपोर्ट आई निगेटिव एयर इंडिया की तरह निजी कंपनियों को न मिले तरजीह रेलवे के कुछ अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय को निजी ऑपरेटरों के लिए टाइम टेबल तय करते हुए ध्यान रखना होगा। यह एयर इंडिया ( Air India ) की तरह नहीं होना चाहिए कि हम निजी कंपनियों को उनके सबसे पसंदीदा समय पर ट्रेन चलाने की इजाजत दे दें।