दरअसल, लद्दाख में चीन ने अपनी विस्तारवादी नीयत दिखाकर भारत ( India ) को अब हर मोर्चे ( Every Front ) पर अलर्ट रहने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसा करना भारत के लिए इस लिए जरूरी है कि चीन हिंद महासागर ( IOR ) क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाने के अवसर ढूंढता रहता है। लेकिन अब भारत सामरिक ( Strategic ) दृष्टि से महत्वपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ( Andaman and Nicobar Islands ) में एक फास्ट ट्रैक योजना ( Fast Track Plan ) के साथ यहां अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करना चाहता है।
भारत की योजना है कि वह यहां पर जरूरत के सभी संसाधन जल्द से जल्द जुटा ले ताकि जरूरत पड़ने पर यहां भी प्रभावी रूप से चीन का सामना किया जा सके।
नितिन गडकरी ने चीन के खिलाफ सरकार का किया बचाव, कहा – जरूरतों के हिसाब से बनाने होंगे नए नियम 3,488 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर भी चीन की बुरी नजर रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन के आक्रामक और विस्तारवादी व्यवहार के बाद इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में शीघ्रता से अपनी ‘सैन्य ताकत’ और ‘मिलिट्री विकास के संसाधन’ ( ‘Military Strength’ and ‘Military Development Resources’) बढ़ाने पर जोर दिया जाए। ये योजनाएं कई सालों से लंबित पड़ी हैं। चीन 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) पर भी अपनी बुरी नजर रखता है।
ऑपरेशनल कमांडर के अधीन काम अंडमान कमान अंडमान और निकोबार कमांड 2001 में बनाई गई थी। यह देश की पहली और एकमात्र कमांड है, जो एक ही ऑपरेशनल कमांडर के अधीन जमीन, समुद्र और एयर फोर्स के साथ काम करती है। लेकिन लंबे समय से इस पर ध्यान नहीं दिया गया है और फंड्स की कमी, संसाधनों के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी ने इसे खुद को ठोस बनाने से बार-बार रोका है।
Border Dispute : जापान और ब्रिटेन के खुलकर समर्थन में आने से भारत मजबूत, चीन पड़ा कमजोर, जानिए कैसे अचानक बढ़ी एंड एन कमांड की अहमियत बढ़ी लेकिन पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रही तनातनी ने रक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को फिर से चेक करने पर जोर दिया है। चीन ए के साथ समुद्री सीमा पर नजर रखने के लिए एएनसी (अंदमान और निकोबार कमांड) की भूमिका काफी अहम है।
Malacca Strait में चीन की परेशानी बढ़ा सकता है भारत चीन के लिए भी यह सीमारेखा अहम है क्योंकि वह अपने कच्चे तेल का आयात और दूसरी चीजों का व्यापार मालाका स्ट्रेट ( Malacca Strait ) के रूट से ही करता है। अगर भारत यहां अपनी ताकत बढ़ाता है कि तो जरूरत पड़ने पर चीन को दबाव में लाने के लिए के लिए वह इन अड्डों पर तेजी से अपना प्रभाव दिखा सकता है।