दूसरी तरफ दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वॉरंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत ने माना कि दोषी अपने कानूनी उपायों को उपयोग करने के हकदार हैं और उनके मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की सकती।
जम्मू-कश्मीरः अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला पंचायत चुनाव, होगा बैलेट बाॅक्स का इस्तेमाल इससे अलावा अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में अधिवक्ता रवि काजी को दोषियों में से एक पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया। चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि मैं समझता हूं कि पवन के कानूनी वकील को भी थोड़ा समय मिलना चाहिए। ताकि वह मुवक्किल का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर सकें और दोषी को कानूनी सहायता महज दिखावा या सतही कार्रवाई जैसी नहीं लगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी 63 विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत हुई BJP बता दें कि निर्भया गैंगरेप के दोषियों की लगातार टल रही फांसी से निर्भया की मां आशा देवी काफी निराश हैं। आशा देवी ने उम्मीद जताई है कि 17 फरवरी को डेथ वॉरंट जारी कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार और निर्भया के परिजनों की अर्जी पर लंबी बहस के बाद पटियाला हाउस की एक अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई 17 फरवरी के लिए टाल दी है। अर्जी में डेथ वॉरंट जारी करने की मांग की गई है।