पाकिस्तान: नया इतिहास लिखने को तैयार हैं इमरान खान, आज लेंगे पीएम पद की शपथ बहरहाल पाकिस्तान पहुंचते ही नवजोत सिंह सिद्धू को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की याद जरूर आ गई। उन्होंने कहा कि अटल जी भारत-पाकिस्तान के बीच अमन चाहते थे। वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जिंदगी यूं ही चलती रहती है। मैं यहां अमन का पैगाम लाया हूं। सिद्धू बोले, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जाने का बहुत अफसोस है। वाजपेयी भी भारत और पाकिस्तान के बीच अमन चाहते थे। इसीलिए वह बस लेकर लाहौर आए थे। वह कहा करते थे कि जब पड़ोस में आग लगी हो तो उसका ताप, मुझ तक भी आता है।
इंदिरा गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी की रैली को रोकने के लिए इस कमजोरी का उठाया था फायदा लाहौर जाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने वाघा बार्डर पर पाकिस्तानी मीडिया से खुलकर बात की और खुद को अमन का दूत बताया। उन्होंने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन जिंदगी यूं ही चलती रहती है। उन्होंने अमन की जो बात शुरू की थी, मैं उसे आगे बढ़ाने आया हूं। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी पाकिस्तान से जाकर ही की थी जब वाजपेयी साहब के साथ बस में लाहौर आया था। अटल जी ने अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा और मुझे सांसद बना दिया।