बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में वेंटीलेटर के सहारे रखा गया था। मौलाना सादिक लंबे समय से आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। डॉ.सादिक खासकर लड़कियों व निर्धन बच्चों की शिक्षा को लेकर हमेशा सक्रिय रहे हैं। वे यूनिटी कालेज और एरा मेडिकल कालेज के संरक्षक भी थे।
उन्होंने हमेशा आपसी भाईचारा, मोहब्बत और शिक्षा को बढ़ावा देने का संदेश दिया है। डॉ.कल्बे सादिक ने हमेशा से अमन और शांति के साथ जीने का पैगाम लोगों में दिया है। सादिक देश के सबसे बड़े शिया मजहबी रहनुमा थे और उनकी शिया सुन्नियों को एक करने की कोशिश को हमेशा सराहा जाएगा। कहा जाता है कि मौलना कल्बे सादिक उर्दू बोलने वाले दुनिया के सबसे बड़े शिया धर्मगुरु थे।