दिल्ली IIT में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे इसरो चीफ ने कहा कि आने वाले महीनों में कई अडवांस सैटलाइट्स की लॉन्चिंग की योजना है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग चंद्रयान 2 मिशन के बारे में जानते हैं। तकनीकी पक्ष की बात करें तो यह सच है कि हम विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं करा पाए, लेकिन पूरा सिस्टम चांद की सतह से 300 मीटर दूर तक पूरी तरह काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि हमारे पास बेहद कीमती डेटा उपलब्ध है। मैं आप लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य में इसरो अपने अनुभव और तकनीकी दक्षता के जरिए सॉफ्ट लैंडिंग का हरसंभव प्रयास करेगा।
इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि हमारा आदित्य L1 सोलर मिशन, ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम ट्रैक पर है। आने वाले महीनों में हम कई अडवांस सैटलाइट्स को लॉन्च करने वाले हैं। एसएसएलवी दिसबंर या जनवरी में अपनी उड़ान भरेगा। गौरतलब है कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा लगातार चांद की सतह पर विक्रम लैंडर को ढूंढने में लगे हैं। 14 अक्टूबर को नासा का LRO उस जगह से गुजरा था, जहां विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। हालांकि, काफी छानबीन के बाद भी लोकेशन का पता नहीं चल सका। वहीं, एक बार फिर नासा का LRO 10 नवबंर को उस जगह से गुजरेगा। कयास लगाया जा रहा है कि इस बार नासा का LRO और ज्यादा जानकारी दे सकता है।