प्रशांत किशोर के निशाने पर अमित शाह, फिक्र नहीं तो CAA-NRC पर आगे बढ़े सरकार
इसरो प्रमुख ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और प्रेरक युवा सभी राष्ट्रों के लिए लक्ष्य बन रहे हैं।
मानव अंतरिक्ष उड़ान इन सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सही मंच प्रदान करती है। आपको बता दें कि मिशन गगनयान के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चयन का पहला चरण इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में पूरा हो गया।
वायुसेना के चयनित पायलटों को व्यापक शारीरिक व्यायाम परीक्षणों, प्रयोगशाला जांच, क्लीनिकल जांच, रेडियोलॉजिकल टेस्ट व मनोविज्ञान मूल्यांकन की प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो चुकी है।
दिल्ली: जेपी नड्डा और अमित शाह ने लिया चुनावी तैयारियों का जायजा
पहाड़ों पर बर्फबारी से फिर ठिठुरी दिल्ली, कम विजिबिलिटी की वजह से 22 ट्रेन लेट
मिशन गगनयान का मकसद 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक भारतीय चालक दल के साथ अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना है।
गगनयान परियोजना 10,000 करोड़ रुपये की है। गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्षयान कार्यक्रम है।
इसकी घोषणा बीते साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसमें तीन-सदस्यीय चालक दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजना शामिल है।