बता दें कि DBO इलामें में आईएएफ की हवाई पट्टी है। इस हवाई पट्टी को मूल रूप से 1962 के युद्ध के दौरान बनाया गया था। अब तनाव के बीच इस इलाके में चीन की सेना ने रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है।
Border Dispute: चीन नहीं आ रहा बाज, LAC पर हर स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रहने का निर्देश सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीबीओ ( DBO ) के ऊपर रात के समय चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि भारतीय सेना की विशेष बलों और पैदल सेना से निपटने की तीव्र क्षमता को टेस्ट किया जा सके।
इस बारे में सेना के एक सीनियर कमांडर ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर चुशुल क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। जबकि अमेरिका में बने चिनूक से रात की लड़ने की क्षमताओं का परीक्षण किया गया। युद्धक क्षमता का आकलन करने के लिए इस हेलीकॉप्टर ने डीबीओ के ऊपर उड़ान भरी।
Rajnath Singh big announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, अब देश में ही बनेंगे 101 उपकरण डीबीओ में पहले से तैनात हैं टी-90 टेंक इसके अलावा सेना ने डीबीओ इलाके में T-90 टैंक और तोपें पहले ही तैनात कर चुकी है। चिनूक का अफगानिस्तान की पहाड़ी इलाकों में रात में उड़ान भरने का एक प्रमाणित रिकॉर्ड है। इसका उपयोग विशेष हवाई बलों द्वारा तेजी से सैन्य जवाबी कार्रवाई के लिए किया जाता है।
डेपसांग से पीएलए को हटाए चीन दूसरी तरफ शनिवार को भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान भारत ने चीन को डेपसांग सेक्टर से तुरंत अपने सैनिक पीछे हटाने को कहा। साथ ही भारत ने चीन को इन इलाकों में निर्माण कार्य भी बंद करने को कहा है। इस इलाके में दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं।