इसी घबराहट में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। यही वजह है कि बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशनों तक भारी भीड़ जुट रही है। खास बात यह है कि जिस कोरोना के संक्रमण के फैलाव के डर से लॉकडाउन लगाया गया है, उसी के नियमों को ताक पर रखकर प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में जुट रहे हैं।
यह भी पढ़ेँः
देश में Corona के नए मामलों में कुछ राहत, लेकिन डरा रहे मौत के आंकड़े मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए राजधानी में 6 दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया। लेकिन इस लॉकडाउन के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों का डर भी सामने आ गया।
हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं। इसका नतीजा एक बार फिर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर डराने वाली तस्वीरों के रूप में सामने आया है।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही लगातार प्रवासी मजदूर बस अड्डे और स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं। जिसे जो साधन मिल रहा है वो अपने घरे के लिए लौट रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी से दिल्ली में रहने की अपील की है। बावजूद इसके लोगों को डर है कि पिछली बार की तरह ऐसा ना हो कि उन्हें जाने के लिए साधन ही ना मिले, खाने के लिए भोजन ही ना मिले और रहने के लिए जगह ही ना बचे।
कुछ ऐसे ही डर के बीच प्रवासी मजदूर घरों को लौट रहे हैं। आनंद विहार बस टर्मिनल पर हजारों लोग पहुंच गए। सराय काले खां सहित सभी बस अड्डों और कई नीजी बस अड्डों पर अपने घर से दूर काम कर रहे कामगार घर को वापस लौटते हुए दिखाई दिए।
यह भी पढ़ेंः
भारत में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने पर अमरीका और ब्रिटेन में खौफ, नागरिकों को यात्रा से बचने दी सलाह मुसाफिरों की मानें तो कोरोना संक्रमण अनियंत्रित तरीके से बढ़ रहा है। हालात और ज्यादा खराब हुए तो लॉकडाउन की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में उनके लिए पिछली बार की तरह परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
यह भी पढ़ेँः भारत में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने पर अमरीका और ब्रिटेन में खौफ, नागरिकों को यात्रा से बचने दी सलाह यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग अपने पैतृक स्थानों की ओर लौट रहे हैं। कई यात्री तो अपना पूरा सामन लोकर घर जा रहे हैं।
सीएम केजरीवाल ने 6 दिन के लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा था कि आपके आने-जाने में ही इतना समय खराब हो जाएगा. कितना पैसा खराब होगा, कितनी ऊर्जा खराब होगी। इसलिए दिल्ली में ही रहिए।
लेकिन सीएम केजरीवाल की अपील का मजदूरों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। मजदूरों का मानना है कि जब लॉकडाउन लगेगा और हमारी मुश्किल बढ़ेगी तो मजदूर किसी तरह से भी घर जाना चाहते हैं।