scriptGalvan Valley Impact : टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने कंपनियों से कहा – चीन के इक्विपमेंट को करें बैन | Galvan Valley Impact : Telecom Ministry Tells Companies - Ban China's | Patrika News
विविध भारत

Galvan Valley Impact : टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने कंपनियों से कहा – चीन के इक्विपमेंट को करें बैन

चीन को भुगतान होगा गलवान हिंसक झड़प का अंजाम।
BSNL 4G अपग्रेडेशन में चीन की एंट्री पर लगी रोग।
भारत में टेलिकॉम इक्विपमेंट का बाजार 12 हजार करोड़ सालाना है।

Jun 18, 2020 / 09:59 am

Dhirendra

ZTE Company

BSNL 4G अपग्रेडेशन में चीन की एंट्री पर लगी रोग।

नई दिल्ली। लद्दाख ( Ladakh ) के गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में चीन की ओर से दगाबाजी का झटका खाने के बाद केंद्र सरकार ( Central Government ) ने सख्त एक्शन लेते हुए चीन के सबसे मजबूत पक्ष पर चोट देने का काम शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दिशा में सख्त फैसला लेते हुए भारत सरकार टेलिकॉम मिनिस्ट्री ( Telecom Ministry ) ने BSNL, MTNL और अन्य टेलिकॉम कंपनियों से कहा है कि वे चीन के इक्विपमेंट को बैन करें। टेलिकॉम मिनिस्ट्री के इस कदम को गलवान घाटी इम्पैक्ट के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों बातचीत के दौरान कहा था कि भारत चीन के दगाबाजी का माकूल जवाब देगा।

हरियाणा में भूकंप के झटके, रोहतक से 15 किलोमीटर दूर हिली धरती
इसके बाद टेलिकॉम मिनिस्ट्री ( Telecom Ministry ) ने कहा कि वह BSNL के 4G अपग्रेडेशन को लेकर पुराने टेंडर कैंसल ( ZTE ) कर देगा। पुराने टेंडर कैंसल कर दिए जाने के बाद आगे से वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल भी नहीं हो सकेगा।
BSNL सबसे बड़ा कस्टमर

चाइनीज कंपनी ZTE का BSNL सबसे बड़ा कस्टमर है। वह इसे छह सर्विस एरिया में सपॉर्ट करता है। प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां पहले से ही चीन पर निर्भरता घटा रही हैं। ZTE भारती एयरटेल के लिए 2 सर्कल और वोडाफोन आइडिया के लिए पांच सर्कल में काम करता है। ZTE चीन का लीडिंग टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी है।
India-China border dispute : हिंसक झड़प के बाद तनाव, केंद्र ने आर्मी को खुली छूट दी

12 हजार करोड़ का बाजार

टेलिकॉम इक्विपमेंट का बाजार 12 हजार करोड़ का है, जिसमें चाइनीज प्रॉडक्ट का शेयर 25 फीसदी के करीब है। इस फील्ड के लोगों का कहना है कि अगर भारती कंपनियां चीन छोड़कर दूसरे देशों से आयात करती हैं तो लागत 15 फीसदी तक बढ़ जाएगी।
CAIT ने की Boycott की मांग

दरअसल, गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से चीन के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है। चारों तरफ से चीन को सबक सिखाने की आवाज आ रही है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT ) ने #BoycottChineseProducts की मांग की है।
ठेके रद्द करने की मांग

इससे पहले CAIT ने सरकार से चीनी कम्पनियों को दिए गए ठेकों को तुरंत रद्द करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने जैसे कुछ तत्काल कदम उठाने का भी आग्रह किया था।
इस बारे में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों और भारत के प्रति चीन के लगातार रवैये के मद्देनजर, भारतीय व्यापारियों ने संकल्प लिया है चीनी आयात को कम करके चीन को एक बड़ा सबक सिखाएं। कैट के प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भले ही व्यापारियों का व्यापार चीन से आयात हो रहा है, लेकिन फिर भी उनके लिए राष्ट्रीय हित से पहले कुछ नहीं होगा। उन्होंने आंदोलन के साथ एकजुटता से खड़े होने का फैसला किया है।

Hindi News / Miscellenous India / Galvan Valley Impact : टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने कंपनियों से कहा – चीन के इक्विपमेंट को करें बैन

ट्रेंडिंग वीडियो