इस बीच कोरोना वायरस होने के बाद उन्हें फेफड़ों में संक्रमण की भी शिकायत हुई थी, जिसका इलाज आर्मी अस्पताल में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम कर रही थी।
पीएम मोदी ने गुजरात में मोढ़ेरा के सूर्य मंदिर का वीडियो किया साझा, बताई ये वजह पूर्व राष्ट्रपति अभी भी गंभीर कोमा में ही हैं। उनके दिमाग में खून के थक्के जमने के बाद आपातकाल में की गई ब्रेन सर्जरी को भी 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। लेकिन अब तक उनकी सेहत में सुधार देखने को नहीं मिला है। इस बीच डॉक्टरों ने पूर्व राष्ट्रपति के फेफड़ों के संक्रमण का इलाज भी किया है।
दिल्ली के आर्मी अस्पताल ने पूर्व राष्ट्रपति का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि बीते दिन से उनके किडनी की कार्य प्रणाली भी थोड़ी अव्यवस्थित हो गई है। इसका इलाज किया जा रहा है।
फिलहाल डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर लगातार निगरानी रखे हुए है। प्रणब मुखर्जी को अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही रखा गया है। कोरोना के कारण फेफड़ों में बढ़ा संक्रमण
ब्रेन सर्जरी के लिए जांच कराने के दौरान ही पूर्व राष्ट्रपति को पता चला था कि उन्हें कोरोना भी हुआ है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट के जरिए साझा की थी। उन्होंने इस दौरान उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी जांच कराने के लिए कहा था।
84 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत को लेकर दिल्ली छावनी स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की एक टीम लगातार उन पर नजर रखे हुए हैं। आपको बता दें कि प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे।