पीड़ित परिवार के सदस्य न्याय का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच राज्य के दक्षिणी जिले में अशांति और आक्रोश बढ़ रहा है। जबकि सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सरकार अब तक यह कहती रही है कि कानून अपना काम करेगा, तमिलनाडु (Tamil Nadu) की मुख्य विपक्षी पार्टी ने मामले की सीबीआई जांच (CBI Probe) की मांग की है और प्रशासन से हत्या के आरोप में अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मांग की है।
इससे पहले दिन में सरकार ने जयराज और बेनिक्स के परिवार के लिए 25 लाख रुपए के अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा की, इसके अलावा शुक्रवार को ही परिवार को 20 लाख रुपए दिए गए थे। स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि बेनेक्स की मौत सांस न ले पाने के चलते और उनके पिता की मौत किसी बीमारी से हुई।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के बयान पर DMK प्रमुख ने सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि अगर मौतें प्राकृतिक थीं तो क्यों दिया मुआवजा? DMK प्रमुख एमके ने पीड़ितों के परिवार को पैसे देने के सरकार के कदम पर भी सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि अगर यह प्राकृतिक मौतें थीं तो मुआवजे की आवश्यकता क्यों हुई।
बता दें कि 60 वर्षीय पी जयराज और 31 वर्षीय उनके पुत्र बेनिक्स को तूतीकोरिन पुलिस स्टेशन में 19 जून को लॉकडाउन आदेश के समय के बाद भी दुकान खुला रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था। जयराज के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था पुलिस ने उन्हें उनकी मोबाइल की दुकान से उठाया था और उन्हें मारा-पीटा था। जिसके बाद बेनिक्स अपने पिता को छोड़ने की गुजारिश करने पुलिस स्टेशन गया था। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया। दोनों को इतना टॉर्चर किया कि उनकी मौत हो गई।