एक निजी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान पूर्व सेना प्रमुख ने दावा किया कि हिंसक झड़प का कारण चीनी टैंट में आग ( Fire in Chinese Tent ) लगना था। लेकिन ये कह पाना मुश्किल है कि आखिर उस टैंट में ऐसा क्या रखा था, जिससे वहां आग लगी।
दवा नहीं अब मिठाई से खत्म होगा कोरोना, सरकार ने आरोग्य संदेश को बाजार में उतारने का दिया आदेश इसलिए अहम ये दावापूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह का ये दावा इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि अब तक जो भी बातें सामने आई हैं उनसे सिंह का बयान कुछ अलग है।
क्योंकि अब तक ये कहा जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे ना हटने की वजह से भारतीय जवानों ने उनके टैंक को उखाड़ फेंका था, जिससे दोनों के बीच हिंसक झड़प हुई।
वीके सिंह ने कहा, ‘भारत और चीन के बीच जो बातचीत हुई थी, उसमें फैसला हुआ था कि सीमा के पास से दोनों देशों के सैनिक वापस जाएंगे और कोई भी वहां मौजूद नहीं रहेगा।
इसी फैसले के मुताबिक जब 15 जून को भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर अन्य जवानों के साथ देखने गए कि चीनी सैनिक वापस गए हैं या नहीं। पता चला कि वे वहां से नहीं गए हैं।’
जब चीनी सैनिकों के टैंट वहीं से नहीं हटे तो कमांडिंग ऑफिरस संतोष बाबू ने उन्हें हटाने को कहा। इसके बाद चीनी सैनिक अपने टैंट को हटा ही रहे थे कि अचानक उसमें आग लग गई।
वीके सिंह ने कहा कि वहां आग क्यों और कैसे लगी इसके बारे में अभी साफ जानकारी नहीं है कि उस टैंट में ऐसा क्या रखा हुआ था जो जल गया। हां इतना जरूर है कि ये टैंट भारती जवानों पर नजर रखने के लिए लगाया था, कि भारतीय जवान पीठे हटे हैं या फिर नहीं।
LAC पर बढ़ गया तनाव
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद LAC पर तनाव और बढ़ गया। इस हिंसक झड़प में जहां भारत के 20 जवान शहीद हुए वहीं चीन के भी 45 सैनिक मारे गए। तनाव के बीच भारत ने नियंत्रण रेखा पर माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (आईबीजी) की तैनाती की है। इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध करने में पारंगत माने जाते हैं।