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हाल के दिनों में हरियाणा के रोहतक,पलवल, उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, दिल्ली के कुछ इलाकों और हरियाणा, राजस्थान में कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किये गए। जिसके बाद नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने लोगों की भूकंप को लेकर आशंका को देखते हुए गुरुवार को एक बैठक बुलायी। बैठक का उद्देश्य भूकंप रोकने, भूकंप के समय की तैयारियों से जुड़े क़दम और दिल्ली-NCR में भूकंप के ख़तरे को लेकर सावधानियाँ पर बातचीत करना था।
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NCS के डायरेक्टर डॉक्टर बंसल ने कहा कि दिल्ली NCR में हाल के भूकंप के झटके लगना कोई नई बात नहीं है । हालाँकि उन्होंने यह भी दोहराया कि विश्व में कोई भी तकनीक भूकंप के वास्तविक समय, स्थान या उसके तीव्रता की भविष्यवाणी नहीं कर सकती। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी कि इस बैठक में यह भी तय हुआ कि नई बन रही इमारतों को भूकंपरोधी बनाने की आवश्यकता है । इसके अलावा जर्जर इमारतों को फ़ौरन तोड़ने और उसमें रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने के लिए राज्य सरकारें क़दम उठाए।
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साथ ही जिन पुरानी इमारतों में नए निर्माण किए गए हैं उसको भी तोड़ा जाए । लोगों के बीच में भूकंप को लेकर जागरूकता पैदा की जाए। भूकंप के दौरान क्या किया जाए या न किया जाए इसकी जानकारी घर-घर तक पहुँचाई जाए। साथ ही भूकंप की स्थिति को लेकर लगातार मॉक ड्रिल किए जाएं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस बैठक में प्राधिकरण के अफ़सरों के अलावा NDRF और गृह मंत्रालय के अफ़सर भी मौजूद थे।