जानकारी के मुमाबिक जाफराबाद की तबाही को पूरी दिल्ली में फैलने से रोकने के लिए श्रीवास्तव को अचानक मंगलवार को उनके मूल कैडर में वापस बुलाने के आदेश गृह मंत्रालय ने जारी किए। उसके कुछ देर बाद ही राष्ट्रीय राजधानी के गृह विभाग ने उन्हें दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बना दिया।
हैप्पीनेस स्कूल में टीका लगाकर मेलानिया का हुआ स्वागत, बच्चों से की 20 मिनट तक बातचीत दिल्ली पुलिस में अब तक छह रेंज के अलग-अलग विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था हैं। एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था बनाया गया है। इससे साफ होता है कि तमाम 6 रेंज के विशेष पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था श्रीवास्तव को रिपोर्ट कर सकते हैं।
चर्चा तो यह भी है कि एसएन श्रीवास्तव को एक सोची समझी और दूर की रणनीति के तहत आनन-फानन में दिल्ली पुलिस में वापस लाया गया है। मौजूद और कार्यवाहक पुलिस कमिश्नर का अस्थाई कार्यकाल भी 29 फरवरी 2020 को पूरा हो रहा है। ऐसे में सुगबुगाहट यह भी है कि हो सकता है कि शाह की सल्तनत आने वाले वक्त में अमूल्य पटनायक से खाली हुई पुलिस कमिश्नरी श्रीवास्तव के ही हवाले न कर दे। हालांकि इस मुद्दे पर फिलहाल न तो अमूल्य पटनायक कुछ बोलने को राजी हैं। न ही श्रीवास्तव कुछ बोलकर बेवजह के किसी झमेले में फंसना चाहेंगे।
Delhi Violence: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हाथ में ली कमान, अलर्ट मोड पर पुलिस और दिल्ली पुलिस के जानकारों के मुताबिक श्रीवास्तव वरिष्ठता के नजरिए से भी पुलिस कमिश्नर के पद के लिए सुपात्र हो सकते हैं। साथ ही उनके पास अभी इतना सेवाकाल शेष है कि उन्हें पुलिस कमिश्नर बनाने में केंद्र सरकार को कहीं कोई समस्या नहीं आएगी।
फिलहाल एसएन श्रीवास्तव उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में फैली आग और हिंसा को शांत करने में तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं। श्रीवास्तव दिल्ली की रग-रग और गली-गली से वाकिफ हैं। जनता से सीधे संवाद की उनकी कला ही उन्हें बाकी आईपीएस की भीड़ से अलग रखती है। संभव है कि एसएन श्रीवास्तव को जल्दबाजी में मंगलवार को इसीलिए वापस उनके मूल कैडर (दिल्ली पुलिस) में भेजा गया हो।
Delhi Violence: गृह मंत्रालय की सख्ती के बाद एक्शन में दिल्ली पुलिस, मौजपुर में फायर करने वाला आरोपी गिरफ्तार एसएन श्रीवास्तव ने लंबे समय से दिल्ली में पुलिसिंग को समझा परखा है। वह दिल्ली की जनता की सोच और नब्ज को करीब से जानते-समझते हैं। साथ ही जिस तरह उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बल में तमाम चुनौतियों से भरे कई साल गुजारे उसका लाभ भी उन्हें बहैसियत विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था दिल्ली पुलिस में मिलना तय है।