UK के शहरों की तर्ज पर बनेंगी दिल्ली की सड़कें, मार्च में पहला प्रोजेक्ट: केजरीवाल
यह सेवा 24 घण्टे उपलब्ध रहेगी। ड्राइवर को एप के माध्यम से जानकारी मिलेगी। वे एप पर पिक-अप लोकेशन प्राप्त होते ही तुरंत मरीज तक पहुंच जाएंगे। रियल टाइम जीपीएस ट्रैकिंग के द्वारा निगरानी को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके लिए नियुक्त सुपरवाइजर 24 घण्टे स्थिति पर नजर रखेंगे। प्रशिक्षित ड्राइवरों को कोरोना से सुरक्षा के लिए सभी निर्देश दिए जाएंगे, जैसे पीपीई किट पहनना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना आदि। ड्राइवर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उनके केबिन को भी इन्सुलेट किया जाएगा। यह एप समय पर मरीजों को एंबुलेंस मुहैया कराकर दिल्ली की इमरजेंसी परिवहन सेवा को सक्षम बनाएगा।
मरीज को पिक-अप टाइम के बारे में जानकारी दी जाएगी और वह सिर्फ एप के जरिए ड्राइवर से संपर्क कर सकते हैं, जिससे कैब एंबुलेंस पहुंचने के बारे में मरीज की चिंता कम होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है और मरीजों को संपर्क मुक्त सुविधाजनक ड्राइव का अनुभव प्रदान करेगी।स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि होम आइसोलेशन में जो लोग रह रहे हैं, उनको अगर किसी भी तरह की जरूरत पड़ती है, तो वह इस एप को डाउनलोड कर सकते हैं। अपने नजदीकी चिकित्सा सुविधा केंद्र तक जा सकते हैं। इस एप को मरीज के साथ-साथ उनके अटेंडेंट भी डाउनलोड कर सकते हैं और चिकित्सा केंद्रों में आने-जाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।”
Bollywood Actor Asif Basra ने किया Suicide! रस्सी के फंदे से लटक कर दी जान
इस अवसर पर प्रकृति ई-मोबिलिटी प्रा. लिमिटेड (ईवीईआरए) के सह-संस्थापक और सीईओ निमिश त्रिवेदी ने कहा कि संस्था के सहयोग से बनाया गया यह जीवन सेवा एप कोरोना मरीजों के लिए अपनी तरह की एक अनूठी पहल है, जो मरीजों को इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से अस्पतालों तक पहुंचाने में मदद करेगा। साथ ही शून्य उत्सर्जन को सुनिश्चित कर प्रदूषण कम करने में भी योगदान देगा।”