इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि स्वास्थ्य बीमा की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से ऐसे प्रॉडक्ट डिजाइन करें जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें। जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो। बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 ( Kovid-19 ) से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए। इरडा ने अपने सर्कुलर में कहा है कि कोविड-19 के अंतर्गत आने वाले सभी दावों का निपटान से पहले उनकी रिव्यू कमिटी द्वारा समीक्षा की जाएगी।
प्रियंका गांधी से छिन सकता है सरकारी बंगला, जानिए क्यों? इरडा के पहल के बाद एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड बी सुब्रमण्यम ने कहा कि कोरोना वायरस के दावे का निपटान तब हो सकता है जब मरीज 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहा हो। उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में उन मरीजों को कवर नहीं किया जाता जो अस्पताल में न रहे हों। हालांकि भारत सरकार या डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना को महामारी घोषित किया गया तो इसमें बीमा की राशि नहीं मिलेंगे क्योंकि ऐसी बीमारियां स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के अंदर नहीं आतीं।
इसी तरह मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के एमडी आशीष मेहरोत्रा भी कोरोना को बीमा कवर के दायरे में लाने को तैयार दिखे। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अगर कोरोना वायरस की स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है तो उन्हें हमारी हॉस्पिटलाइजेशन नीति के तहत बीमा की राशि मिलेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि कंपनी बीमा के दावे का निपटान जल्दी करेगी। बीमा कंपनियों ने यह नहीं बताया कि अगर मरीज को अलग केंद्र में रखा जाता है तो उन्हें बीमा मिलेगा या नहीं।
दिल्ली हिंसा पर पहली बार आया प्रधानमंत्री मोदी का बयान, बोले- राष्ट्र सर्वोपरि, विकास हमारा मंत्र बता दें कि कोरोना के संक्रमण से दुनियाभर में 3 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 90 हजार से अधिक लोगों को इसने बीमार कर रखा है। भारत में 21 एयरपोर्ट पर 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर 10 लाख से अधिक की स्क्रीनिंग हुई है।